एकलव्य विद्यालय के प्राचार्यों, शिक्षकों की नेतृत्व क्षमता, शिक्षण कौशल एवं प्रबंधन का प्रशिक्षण
रायपुर, 3 दिसंबर। छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में अध्ययनरत् आदिवासी बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के प्राचार्यों के शैक्षिक नेतृत्व प्रबंधन और शिक्षकों के लिए अध्यापन विषय सामग्री पर क्षमता वृद्धि प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
आदिम जाति तथा अनुसूचित जनजाति विकास विभाग द्वारा पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय परिसर स्थित पुराने आदिवासी आयुक्त कार्यालय में 26 नवम्बर से 3 दिसंबर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें अध्यापन विषय सामग्री अंग्रेजी, हिन्दी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान पर चार चरणों में प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण का पहला चरण 26 और 27 नवम्बर को अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान के शिक्षकों के लिए, दूसरा चरण 29 और 30 नवम्बर को हिन्दी और विज्ञान शिक्षकों के लिए, तीसरा चरण 01 और 02 दिसंबर को गणित के शिक्षकों के लिए और अंतिम चरण में 01 से 03 दिसंबर तक प्राचार्यों को प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास विभाग की संचालक शम्मी आबिदी, उपायुक्त प्रज्ञान सेठ, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय योजना के सलाहकार प्रोतीक बनर्जी विशेष रूप से उपिस्थत थे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में 71 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित है। इनमें से 25 स्कूलों के प्राचार्यों और शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया गया। अधिकांश एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों को सीबीएसई मानदण्डों के तहत नामांकित किया गया है, इसलिए शिक्षकों और प्राचार्यों का शिक्षण और नेतृत्व कौशल बढ़ाने की आवश्यकता थी। प्रशिक्षण के दौरान बहुत सी नवीन तकनीक और शिक्षण सामग्री में उपयोग आने वाले उपकरणों पर चर्चा की गई। प्रशिक्षण के माध्यम से सीखने के परिणामों से विद्यालयों में दिन प्रतिदिन की चुनौतियों को अधिक व्यवस्थित तरीके से प्रबंधित किया जा सके।
विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के आदिवासी विकासखंडों में शिक्षक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य शिक्षण तकनीक में कौशल विकास और अनुभव का अभ्यास कराया जाए। पढ़ाई के लिए नवीनतम शिक्षण सामग्री और संसाधनों का अधिक से अधिक उपयोग से शिक्षण अभ्यास में अनुभव को प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल माहौल विकसित करना है। शिक्षक को शिक्षा के उद्देश्यों के साथ स्वयं को जोड़ने के लिए नियमित आधार पर देखने, अनुमान लगाने, कौशल क्षमता को विकसित करना चाहिए। प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने और प्रशिक्षण कार्यशाला को सुविधाजनक बनाने में अजीम प्रेमजी फांउडेशन ने सहयोग दिया।
छत्तीसगढ़ में संचालित एकलव्य आदर्श विद्यालय के लिए एक व्यापक और समग्र व्यक्तिगत शिक्षक विकास योजना तैयार की जा रही है। जिसके आधार पर शिक्षण सीखने की प्रक्रियाओं में उनकी चुनौतियों का समाधान किया जाएगा, जिसके आधार पर निरंतर समयबद्ध तरीके से संचालित किया जाएगा। प्रशिक्षण में उपस्थित प्राचार्यों और शिक्षकों ने आश्वासन दिया है कि वे निश्चित रूप से आदिवासी बच्चों के कौशल मूल्यों और सीखने की परिणाम में सुधार के लिए बेहतर दिशा में काम करेंगे। शिक्षकों के लिए विषय सामग्री, शिक्षा शास्त्र और प्राचार्यों के लिए नेतृत्व और प्रबंधन पर क्षमता वृद्धि कार्यक्रम के साथ-साथ आदिवासी अनुसंधान संस्थान, एससीईआरटी और पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के शिक्षाविद्ों द्वारा बाल मनोविज्ञान पर कुछ अन्य सत्र भी आयोजित किए गए थे।