राज्यपाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में आम लोगों को सेना में भर्ती होने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील
रायपुर, 18 जनवरी। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने राजभवन के कांफ्रेंस हॉल में आयोजित सैनिक कल्याण बोर्ड छत्तीसगढ़ की अमलगमेटेड स्पेशल फंड के राज्य प्रबंधन समिति की 13वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि झंडा दिवस पर अधिक से अधिक निधि एकत्रित करने का प्रयास करें। इसमें अन्य संस्थाओं से भी सहयोग लें। साथ ही आम लोगों को सेना में भर्ती के लिए प्रोत्साहित करें और बेटियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के दूरस्थ जिलों में भी में भी ई.सी.एच.एस पॉलीक्लीनिक एवं सी.एस.डी. कैण्टीन की व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही सैनिक कल्याण बोर्ड सेना और अर्द्धसैनिक बल और पुलिस में भर्ती के लिए युवाओं को कोचिंग की सुविधा प्रदान करे। उन्होंने विश्वास जताया कि सैनिक कल्याण बोर्ड द्वारा बैठक में लिए गए निर्णयों से भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के कार्यों में मदद मिलेगी।
सुश्री उइके ने सैनिकों के परिजनों के लिए कौशल उन्नयन का सुझाव देते हुए कहा कि इससे वे खुद आत्मनिर्भर हो सकेंगे और दूसरों को भी रोजगार देंगे। राज्यपाल ने कोविड से बचाव के लिए शासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने का भी आग्रह किया।
इस अवसर पर रायपुर जिले के कलेक्टर सौरभ कुमार और दुर्ग जिले के कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे को वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में सर्वाधिक योगदान के लिए गवर्नर ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। इसमें रायपुर जिले को प्रथम पुरस्कार तथा दुर्ग जिले को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ ही रायपुर जिले के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन अनुराग तिवारी (सेवानिवृत्त) को प्रथम पुरस्कार एवं दुर्ग जिले के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन पुरनेन्दु विद्यांता (सेवानिवृत्त) को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
राज्यपाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में द्वितीय विश्व युद्ध के नॉन-पेंशनर/विधवाओं को प्रति माह दी जा रही चिकित्सा हेतु आर्थिक सहायता राशि में रूपए 3000 से रूपए 7000 की बढ़ोत्तरी करने, भूतपूर्व सैनिकों/विधवाओं के मानसिक रूप में बीमार बच्चों को 25 वर्ष (पुत्र एवं अविवाहित पुत्रियों के लिए) के स्थान पर आजीवन आर्थिक सहायता देने, भूतपूर्व सैनिकों/विधवाओं के अनाथ बच्चों (केवल दो बच्चों तक) को दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि में रूपए 10,000 से 25000 की बढ़ोत्तरी करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
साथ ही इस बैठक में भूतपूर्व सैनिकों/विधवाओं के बच्चों की शिक्षा छात्रवृत्ति की दरों में वृद्धि करने, भूतपूर्व सैनिकों की विधवाओं को सिलाई मशीन खरीदने हेतु दी जा रही आर्थिक सहायता हेतु आय सीमा में रूपए 10 हजार से रूपए 25 हजार की वृद्धि करने और भूतपूर्व सैनिकों की कैंसर से पीड़ित विधवाओं को इलाज हेतु दी जा रही आर्थिक सहायता राशि में रूपए 25 हजार प्रतिवर्ष से रूपए 50 हजार प्रतिवर्ष की बढ़ोत्तरी करने के प्रस्ताव पर सहमति दी गई।
इसके साथ ही भूतपूर्व सैनिकों/विधवाओं के डाटा को डिजिटलीकरण एवं समामेलित विशेष निधि से आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने हेतु ऑनलाईन आवेदन के क्रियान्वयन हेतु साफ्टवेयर तैयार करने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक को राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर वर्चुअल रूप से सैनिक कल्याण बोर्ड छत्तीसगढ़ के उपाध्यक्ष एवं मुख्य सचिव अमिताभ जैन, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कोसा कमाण्डर प्रशांत चौहान, मध्य भारत एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल एस. मोहन, केन्द्रीय सैनिक बोर्ड के सचिव राकेश गुलाटी, रीसेटलमेंट नई दिल्ली के डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल शरद कपूर उपस्थित थे।
इसके साथ ही बैठक में संचालनालय सैनिक कल्याण छत्तीसगढ़ के संचालक ब्रिगेडियर विवेक शर्मा, राज्यपाल के विधिक सलाहकार आर.के. अग्रवाल, उप सचिव दीपक कुमार अग्रवाल उपस्थित थे।