रायपुर, 18 फरवरी। First Wet Rilling Unit : भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के संयुक्त सचिव रघुराज माधव राजेंद्रन ने कोसा धागाकरण के लिए कोरबा शहर में स्थापित प्रदेश के पहले वेट रिलिंग इकाई का निरीक्षण किया। संयुक्त सचिव ने रेशम विभाग के कोसाबाड़ी केन्द्र में पहुंचकर महिलाओं द्वारा कोकून से धागा निकालने के किये जा रहे काम का अवलोकन किया।
महिलाओं द्वारा किये जा रहे कोसा धागाकरण
उन्होंने रेशम विभाग के सहायक संचालक से केन्द्र में स्थापित वेट रिलिंग और बुनियाद रिलिंग इकाई (First Wet Rilling Unit) के बारे में जानकारी ली। कोसाबाड़ी केन्द्र में लगभग 45 महिलाएं वेट रिलिंग और बुनियाद मशीन से कोसा धागा निकालने के काम में संलग्न हैं। सहायक संचालक एस.डी शर्मा ने संयुक्त सचिव राजेन्द्रन को बताया कि एक ककून में लगभग एक हजार 500 मीटर धागा निकलता है। निकाले गये धागा शत प्रतिशत टसर सिल्क होता है। जिसकी कीमत बाजार में साढ़े चार हजार से साढ़े पांच हजार रूपये तक होती है।
चीन और जापान जैसे देश कोसा के धागे पर निर्भर थे
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के बुनकर उच्च गुणवत्ता के कोसा धागा के लिए चाईना और जापान जैसे देशों पर निर्भर थे। इस कमी को पूरा करने के लिए रेशम विभाग द्वारा वेट रिलिंग मशीन स्थापित किया गया है। इस मशीन से उच्च गुणवत्ता के कोसा धागा निकालने का काम महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। जिससे महिलाओं को प्रति माह अच्छी आमदनी हो रही है।
तीन सौ परिवारों को घर बैठे मिला रोजगार
महिलाओं को धागा निकालने के लिए प्रशिक्षित भी किया गया है। सहायक संचालक ने राजेंद्रन को कोकून से कोसा धागा निकालने की पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी। वेट रिलिंग के अलावा महिलाएं बुनियाद मशीन से भी धागा निकालने का काम कर रहीं हैं। उन्होंने बताया कि कोसा धागाकरण (First Wet Rilling Unit) से जिले के तीन सौ परिवारों को घर बैठे रोजगार मिल रहा है। महिलाओं को घर में ही कोसा धागा निकालने के लिए मशीन भी दिया गया है।
महिलाएं घरेलू कार्य के साथ-साथ आसानी से धागा निकालने का काम कर रही हैं, जिससे महिलाओं को आर्थिक लाभ भी मिल रहा है। इस दौरान जिला कलेक्टर कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सहित जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।