रायपुर, 19 मई। Video Bhent-Mulakat : जिस गोबर को लोग पूछते नहीं थे, आज उसी गोबर को निगरानी की जरूरत आन पड़ी है। ये बात हमारे पाठक को पढ़ने में जरूर अजीब लग रहा होगा लेकिन इस वीडियो में छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कुटरू रहवासी किसान मंटू राम कश्यप तो यही कह रहे है। एक बार जरूर सुने- यह छत्तीसगढ़ के छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री के शासन में ही संभव हुआ।
पहले कोई नहीं पूछता था, अब चोरी करने लगा
मंटूराम (Video Bhent-Mulakat) बताता है कि, कुछ दिन पहले उनके इकठ्ठे किये गोबर को गांव के कुछ लोग उठा ले गए थे। इसके बाद उन्होंने तय किया कि पत्नी के साथ रात में गोबर की निगरानी करेंगे। मंटूराम बताता है कि वह रात में कई बार टार्च लेकर जाता है कि कहीं किसी ने गोबर तो नहीं लिया है। उनका कहना है कि जब से गोबर की कीमत मिलना शुरू हुआ है तब से गोबर को बचाना मुश्किल हो गया है। एक दिन उनके एकत्रित गोबर को कुछ लोगों ने चुपचाप चुरा लिया। तब से उन्होंने गोबर की निगरानी शुरू कर दी।
पत्नी के साथ शिफ्ट में चौकीदारी
मंटूराम गोबर की चौकीदारी रातभर करते हैं। उनके इस काम मे उनकी पत्नी भी साथ देती हैं। वे कहते हैं कि रातभर जागना संभव नहीं है। इसलिए वे और उनकी पत्नी दो शिफ्ट में गोबर की देखरेख करते हैं। रात में कुछ देर मैं फिर मेरी पत्नी टॉर्च लेकर गोबर की निगरानी करते हैं।
14 हजार किलो गोबर को 28 हजार में बेचा
मुख्यमंत्री को मंटूराम ने बताया कि वे छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचते हैं। इसके लिए वे दिन-रात मेहनत कर गोबर इकट्ठा करते हैं। मंटूराम ने बताया उनके पास 15 गाय- भैंसे हैं। उसी का गोबर जमाकर अब तक उन्होंने लगभग 14 हजार किलो गोबर को 28 हजार रु में बेचा है। बकौल मंटूराम, पहले गोबर को कोई नहीं पूछता था लेकिन अब हर किसी की नजर गोबर पर लगी रहती है।
गोधन न्याय योजना से प्राप्त धन से की घर की मरम्मत
मंटुराम कश्यप (Video Bhent-Mulakat) ने बताया कि उनके पास 15 गाय- भैंसे हैं। अब तक गोधन न्याय योजना से गोबर बेचकर करीब 28 हजार रुपये मिले हैं। उन्होंने बताया कि उनके मकान से पानी टपकता था। जिसे बहुत दिन से रिपेयर कराना चाहते थे। गोबर बेचकर मिले पैसे से उन्होंने मकान रिपेयर करा लिया है। मकान में प्लास्टर भी करा लिया है। अब छत से पानी टपकने की समस्या भी खत्म हो गयी है।