Russia Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच संवाद जोड़ पाएंगे जोको विडोडो?
जकार्ता, 1 जुलाई। Russia Ukraine War : राष्ट्रपति जोको विडोडो की यूक्रेन और रूस यात्रा को इंडोनेशिया अपनी एक बड़ी कूटनीतिक सफलता मान रहा है। विडोडो बुधवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेन्स्की से मिले थे। गुरुवार को मास्को जाकर उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। उसके बाद विडोडो ने बताया कि रूस यूक्रेन के गेहूं के निर्यात के लिए समुद्र मार्ग को खोलने को तैयार हो गया है। साथ ही रूस खाद्य और उर्वरक ले जा रहे वाहनों को सुरक्षा मुहैया कराने पर राजी हो गया है।
समझा जाता है कि पुतिन और विडोडो (Russia Ukraine War) की वार्ता के इस निष्कर्ष से दुनिया में खाद्य संकट का मुकाबला करने में मदद मिलेगी। इस समय विश्व बाजार में अनाज की महंगाई चरम सीमा पर है। इस कारण दुनिया के कई हिस्सों में खाद्य संकट पैदा हो गया है। रूस और यूक्रेन दोनों गेहूं, सूरजमुखी, मक्का आदि जैसे कई खाद्यों के प्रमुख निर्यातक हैं।
जेलेंसी को जी-20 शिखर सम्मेलन में बुलाने की तैयारी
वैसे विडोडो की यूक्रेन और रूस यात्रा का मकसद कूटनीतिक था। इस वर्ष नवंबर में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी इंडोनेशिया करेगा। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से पश्चिमी देशों का उस पर दबाव रहा है कि वह उस शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति पुतिन को आमंत्रित ना करे। लेकिन विडोडो ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया है। इसके जवाब में विडोडो ने कहा था कि वे पहले यूक्रेन जाकर जेलेन्स्की को जी-20 शिखर सम्मेलन में विशेष अतिथि के तौर पर भाग लेने के लिए आमंत्रण देंगे। यूक्रेन जी-20 का सदस्य नहीं है।
कीव में जेलेन्स्की को आमंत्रण देने के बाद विडोडो ने मास्को जाकर पुतिन को न्योता दिया। इसी दौरान उन्होंने जेलेन्स्की और पुतिन से खाद्य संकट पर भी बातचीत की। कूटनीतिक विशेषज्ञों ने इस ओर ध्यान खींचा है कि विडोडो ने इन दोनों देशों की यात्रा जर्मनी में हुए जी-7 की शिखर बैठक के तुरंत बाद की है। इस बार जी-7 देशों ने अपने सदस्यों के अलावा चार अतिरिक्त देशों को भी इस बैठक में आमंत्रित किया था, जिनमें इंडोनेशिया भी है।
इंडोनेशिया के आमंत्रण के बाद रूस ने पुष्टि कर दी है कि पुतिन जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। हालांकि उसने अभी यह नहीं बताया है कि पुतिन इंडोनेशिया आएंगे या सम्मेलन को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करेंगे। उधर ऐसी खबरें हैं कि पुतिन को आमंत्रित किए जाने से पश्चिमी देश असहज हैं। जर्मनी के चांसलर ओलोफ शोल्ज के प्रवक्ता से एक प्रेस कांफ्रेंस में पूछा गया कि शोल्ज जकार्ता जांएंगे, तब उन्होंने कहा- ‘अभी नवंबर आने में काफी वक्त है।’
पुतिन को दिया जेलेंस्की का खास संदेश
इस बीच इंडोनेशिया ने बताया है कि विडोडो ने पुतिन को जेलेन्स्की का एक खास संदेश सौंपा। विडोडो ने कहा है कि वे दोनों देशों के बीच संवाद जोड़ने की भूमिका निभाने को तैयार हैं। कीव में जेलेन्स्की से बातचीत के बाद भी उन्होंने कहा था कि शांति के लिए वे मध्यस्थ की भूमिका निभाने को तैयार हैं।
विडोडो की दोनों देशों की यात्रा को इंडोनेशियाई कूटनीतिज्ञ (Russia Ukraine War) अपने देश की बढ़ रही वैश्विक भूमिका के रूप में देख रहे हैं। इंडोनेशियाई मीडिया में स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने और वैश्विक खाद्य संकट हल करने की खास पहल करने के लिए विडोडो की खूब तारीफ हो रही है।