Tough on Drugs: Ban on advertisements promoting drugs, instructions to remove hoardingsTough on Drugs

रायपुर, 13 अगस्त। Tough on Drugs : राज्य सरकार ने सिगरेट, तंबाकू, गुटखा जैसी नशे की सामग्रियों के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को नशे का प्रचार करने वाले विज्ञापनों की होर्डिंग्स हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रशासन संचालनालय द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 का कड़ाई से पालन करने तथा इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।

सभी निगम आयुक्तों, नगर पालिका के सीएमओ तथा नगर पंचायत (Tough on Drugs) के सीईओ को जारी पत्र में कहा गया है कि तंबाकू उत्पादों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता लाने एवं कोटपा 2003 के प्रावधानों का पालन करने के लिए राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम का संचालन सभी जिलों में किया जा रहा है।

दरअसल देश के युवाओं को तंबाकू सेवन से बचाने के लिए 2003 में सदन में सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद विज्ञापन पर रोक तथा व्यापार एवं वाणिज्य उत्पादों से संंबंधित अधिनियम कोटपा लागू किया गया है। यह एक राष्ट्रीय कानून है और देश के सभी राज्यों को इसका पालन करना है।

दुष्परिणाम बताने वाले विज्ञापन लगाने निर्देश

सभी निकायों में इस कानून का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है। यह भी कहा गया है कि पान मसाला के विज्ञापन होर्डिंग्स, बस एवं अन्य स्थानों से हटाने के साथ ही तंबाकू से होने वाले दुष्परिणामो की जानकारी देने वाले विज्ञापन लगाए जाएं ताकि छग को तंबाकू मुक्त राज्य बनाया जा सके।

सार्वजनिक स्थलों पर धुआं उड़ाने की भी मनाही

सार्वजनिक स्थलों, सरकारी तथा गैर सरकारी कार्यालय, शिक्षण, स्वास्थ्य संस्थानों, सिनेमा हॉल, पंचायत भवन और चौक-चौराहों पर सिगरेट पीते पाए जाने पर अर्थदंड लिया जाएगा। इसी तरह तंबाकू बिक्री के स्थान पर नाबालिकों को तंबाकू बेचना दंडनीय अपराध है का बोर्ड भी लगाना होगा।

सजा का प्रावधान

प्रतिव्यक्ति 200 रुपए। स्वामी, प्रबंधक या अधिकृत अधिकारी (Tough on Drugs) के लिए- सार्वजनिक स्थलों में अपराधों की संख्या के बराबर जुर्माना 2-5 साल की सजा या फिर 1-5 हजार रुपए तक का जुर्माना। बिक्री- खुदरा बिक्री पर 1 से 2 साल की सजा, 1 से 3 हजार रुपए तक का जुर्माना।

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