रायपुर, 7 अक्टूबर। Mahila Aayog ki Sunvai : राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज शास्त्री चौक स्थित राज्य महिला आयोग कार्यालय में सुनवाई की है। प्रकरण में पति-पत्नी के दो बच्चे है जो वर्तमान में कक्षा तीसरी और केजी 1 में पढ़ रहे है जिनकी पढ़ाई-लिखाई का खर्च अनावेदक पति वहन कर रहा है साथ ही अनावेदक ने स्वीकार किया कि पिछले चार माह से नियमित भरण-पोषण नहीं दिया हूं।
आवेदिका के बैंक खाते में 90 हजार रूपये डालने की बात अनावेदक (Mahila Aayog ki Sunvai) ने कही है। आवेदिका के पिता का कहना है कि उसमें कुछ पैसा उनका भी है। आयोग द्वारा दोनों पक्षों को समझाइश दिया कि दोनों बच्चियों के हित में दोनों पक्ष एकसाथ रहने के बारे में पुनर्विचार करें। चूंकि अनावेदक भोपाल में आयकर विभाग में पदस्थ है और आवेदिका रायपुर में दोनों बच्चियों के साथ रहती है। आयोग द्वारा अनावेदक को समझाइश दिया गया कि माह के अवकाश के दिनों में आवेदिका के घर आकर उनके साथ रहे और अपना सम्बंध सुधारने का प्रयत्न करें।
अनावेदक ने आवेदिका को प्रतिमाह 17 हजार रूपये भरण-पोषण राशि के साथ 9 हजार रूपये मकान का किराया के साथ बच्चियों के स्कूल की पढ़ाई-लिखाई का खर्च नियमित रूप से वहन करेगा और आवेदिका दोनों बच्चियों के साथ अपने ससुराल में जाकर अपने संबंध सुधारने का प्रयास करेगी जिससे कि दोनों पक्षों के संबंध पुनः स्थापित हो सके और परिवार खुशहाल हो सके। इस प्रकरण को 6 माह की निगरानी में रखा गया है, जिससे इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।
एक अन्य प्रकरण में पिछले सुनवाई में अनावेदकगण को समझाइश दिया गया था कि अनावेदक पति और उनके पत्नी और बच्चों को बुलाकर उनके खाता बंटवारा करने हेतु ग्राम सभा आयोजित कर दोनों पक्षों के मध्य बंटवारा निष्पादित कराने के निर्देश दिये गये थे साथ ही दोनों पक्षों के मध्य आपसी समझौतानामा शपथ पत्र आयोग को प्रेषित करने के निर्देश दिये गये थे जिस पर कार्यवाही करते हुये अनावेदकगण द्वारा आज सुनवाई में दोनों पक्षों के शपथ पत्र प्रस्तुत किये गये है। जिसके आधार पर इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण जो कांकेर जिले के सुनवाई (Mahila Aayog ki Sunvai) में पति-पत्नी के आपसी समझौते का था जिसे कांकेर जिले के सुनवाई में पति-पत्नी को समझाइश दिया गया था कि आपसी संबंध सुधारते हुये एक साथ रहने के निर्देश आयोग द्वारा दिये गये थे जिस पर आज आयोग के समक्ष पति-पत्नी अपने दोनों बच्चों के साथ उपस्थित हुये और आपसी सुलहनामा का शपथ पत्र साथ में लाये थे। आयोग ने दोनों पक्षों को समझाइश दिया कि दोनों परिवार साथ में रहे और आयोग के निर्देश का पालन करे। पति अपने पत्नी और दो बच्चों को आयोग से ससम्मान लेकर गया और आवेदिका को अपने पति से अब किसी प्रकार से शिकायत नहीं होना बताया जिसके आधार पर इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।