छत्तीसगढ

Ban on Transfer : 60% दिव्यांग को किया अन्यत्र पोस्टिंग…दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने कहा…?

बिलासपुर, 29 जनवरी। Ban on Transfer : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दिव्यांग कर्मचारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए तबादला पर रोक लगा दी है। दरअसल राजनांदगांव निवासी अमितेश दास वैष्णव ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय व घनश्याम शर्मा के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

याचिका में कहा गया कि शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनादगांव में वह लैब अटेंडेंट के पद पर कार्य कर रहा था। सचिव उच्च शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी कर उसका स्थानांतरण शासकीय महाविद्यालय डौंडी जिला बालोद कर दिया है। याचिकाकर्ता के अनुसार वह दिव्यांग है।

याचिका के मुताबिक 60 प्रतिशत दिव्यांगता के कारण शारीरिक रूप से कमजोरी रहती है। वह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की श्रेणी में आता है। याचिकाकर्ता ने राज्य शासन के दो निर्देशों का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग ने 30 अगस्त 2010 को एक आदेश जारी किया है।

दिव्यांग कर्मचारी की पोस्टिंग जन्मस्थान के नजदीक

इसमें कहा गया है कि तृतीय व चतुर्थ वर्ग के नि:शक्त कर्मचारियों की शारीरिक अक्षमता को देखते हुए उनकी पदस्थापना गृह जिले के भीतर एवं जन्म स्थान के समीप की जाएगी। याचिकाकर्ता ने बताया कि राज्य शासन का स्पष्ट निर्देश है कि जारी प्रविधान का गंभीरता से पालन करना होगा। इस संबंध में विभाग प्रमुख को भी निर्देशित किया गया है। याचिकाकर्ता ने बताया कि विभाग प्रमुख द्वारा शासन के निर्देश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। उनके प्रकरण में भी नियमों व प्रविधान का पालन नहीं किया जा रहा है। प्रविधान के संबंध में जानकारी देने और शासन का आदेश दिखाने के बाद भी स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया गया है।

याचिकाकर्ता ने बताया कि 12 अगस्त 2022 को राज्य शासन (Ban on Transfer) द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के पैरा 1.6 में यह स्पष्ट प्रविधान किया गया है कि दिव्यांग शासकीय सेवकों की पदस्थापना आवागमन की दृष्टि से सुविधाजनक स्थान पर की जानी है। शासन के स्थानांतरण नीति का भी अधिकारी पालन नहीं कर रहे हैं। मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई। प्रकरण की सुनवाई के बाद जस्टिस साहू ने दिव्यांग याचिकाकर्ता को राहत देते हुए स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दिया है। साथ ही विभागीय अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button