छत्तीसगढ

फॉयर इंजीनियरिंग में PHD करने वाले देश के पहले व्यक्ति बने डॉ ए. आर.सोनटके

भिलाई नगर। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रतिभाओं की खान है। बीएसपी के कार्मिक व अधिकारी नित नये सोपान तय कर भिलाई का नाम रोशन कर रहे हैं और एक ऐसा ही नाम है डॉ ए आर सोनटके का। डॉ ए. आर. सोनटके भिलाई इस्पात संयंत्र के अग्निशमन विभाग में उपमुख्य अग्निशमन अधिकारी के रूप में कार्यरत् हैं। उन्होंने अग्निशमन सेवा में कई उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। इसी कड़ी मे ए .आर. सोनटके ने फॉयर इंजीनियरिंग में पीएचडी प्राप्त कर भिलाई इस्पात संयंत्र का नाम रोशन किया है। श्री सोनटके देश में ऐसा करने वाले वे पहले व्यक्ति बन गए हैं, जिन्होंने फॉयर इंजीरियरिंग में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। उन्हें यह डिग्री विज्ञान व तकनीकी विद्या संकाय से राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपूर विश्वविद्यालय, नागपूर द्वारा प्रदान किया गया।

उन्होंने अपना शोध कार्य लक्ष्मीनाराण इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नागपूर के पूर्व अध्यापक डॉ एम. एस. वाघ के मार्गदर्शन में पूरा किया। डॉ सोनटके के अनुसंधान का शीर्षक “स्टडीज ऑफ फोम कॉन्सेनटेट कॉम्पेटिबिजिटी एण्ड सरफेक्टन्ट कॉन्सनटेशन ऑफ डिफरेन्ट टाईप्स ऑफ फोम एण्ड देयर इम्पैक्ट ऑन फॉयर-फायटिंग कंपॅटेबिलिटी टूवर्ड्स फॉयर ऑफ क्लास “ए” एण्ड क्लास “बी” फियूल” था। उनका शोध कार्य फॉयर फाईटिंग फोम के नए सूत्र एवं अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के विकास के लिए उपयोगी साबित होगा।

राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल में 16 पेपर प्रकाशित

डॉ सोनटके ने बीई फॉयर इंजीनियरिंग की उपाधि भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अन्तर्गत आने वाले एकमात्र राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा विद्यालय नागपूर से हासिल की है। मध्य भारत के सबसे प्राचीन विद्यापीठ ने फायर इंजीनियरिंग मे पहली पीएचडी प्रदान की है। उन्होंने राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल मे 16 पेपर प्रकाशित किए हैं। सोनटके ने IIPE, IIW, IIIE, क्यूसीएफआई एवं आईएफई जैसे राष्ट्रीय निकायों के परिषद सदस्य हैं। हाल ही में उन्हें फॉयर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सेल व्यवस्थापन द्वारा प्रतिष्ठित जवाहर पुरस्कार प्रदान किया गया।

देश के फायर फाईटर्स को किया समर्पित

डॉ सोनटके ने अपने शोधकार्य को देश के सभी फॉयर फाईटरों को समर्पित किया, जो अनमोल जीवन और राष्ट्रीय सम्पत्ति को बचाने के लिए सदैव तत्परता के साथ समर्पित रहते हैं। डॉ ए. आर. सोनटके ने अपनी सफलता का श्रेय डॉ एम. एस. वाघ, डॉ एस. शमीम, डॉ जी. एस. नटराजन, डॉ जी. सी. मिश्रा, डी. के. शमी (राष्ट्रीय अग्नि सलाहकार, भारत सरकार), बीएसपी के मुख्य अग्निशमन अधिकारी बी. के. महापात्र, बीएसपी के मुख्य महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवाएँ) सुरेन्द्र सिंह, बीएसपी बिरादरी, अपने परिजन एवं हितचिंतकों को दिया।

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