National Media Conference: National Media Conference begins...! Governor Haribhau Bagde appeals to media to prioritize 'national interest'National Media Conference

शांतिवन/माउंट आबू, 27 सितंबर। National Media Conference : ‘शांति, एकता और विश्वास की स्थापना में मीडिया की भूमिका’ विषय पर आधारित पांच दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन का भव्य शुभारंभ आज ब्रहमाकुमारीज मीडिया विंग द्वारा माउंट आबू के शांतिवन परिसर में हुआ। इस उद्घाटन सत्र में देशभर से आए 1,500 से अधिक मीडिया प्रतिनिधि और वरिष्ठ पत्रकारों ने भाग लिया।

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे का स्पष्ट संदेश

समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान के राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे जी ने अपने स्पष्ट, प्रभावशाली और प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और उसे राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा, लोगों को धर्म नहीं, विचारों और राष्ट्रहित के आधार पर चुनाव जीतना चाहिए तभी सशक्त लोकतंत्र बनेगा।

राज्यपाल ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए कहा कि इसे किसी की अवमानना या अपमान का माध्यम नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने मीडिया को चुनौती दी कि वह भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खराब करने की बजाय, सीमाओं पर तैनात जवानों, कृषि, विज्ञान और नवाचार में हो रही प्रगति पर ध्यान केंद्रित करें।

उन्होंने दिवंगत राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए कहा कि, इज़राइल में युवा नवाचारों की खबरें पहले पन्ने पर छपती हैं, हमें भी ऐसा करना चाहिए। भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि भारत दूध उत्पादन में विश्व में पहले स्थान, ज्वार में दूसरे स्थान और मक्का में पांचवें स्थान पर है लेकिन ऐसे सकारात्मक समाचार अक्सर अछूते रह जाते हैं।

राजयोगिनी बी.के. मोहिनी का संदेश

ब्रहमाकुमारीज की प्रशासकीय प्रमुख राजयोगिनी बी.के. मोहिनी ने सभी प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा, जैसे युद्ध मन से शुरू होता है, वैसे ही शांति भी मन से प्रारंभ होती है। उन्होंने पत्रकारों को ‘ट्रैफिक कंट्रोल’ नामक अभ्यास अपनाने का सुझाव दिया यानी दिनभर में कुछ पल ठहरकर आत्मनिरीक्षण करना और परमात्मा से जुड़ाव बनाए रखना।

उन्होंने कहा कि यह अभ्यास न केवल मानसिक तनाव से बचाएगा, बल्कि पत्रकारों को चुनौतियों के समय में भी शांति बनाए रखने में सक्षम बनाएगा। सत्र के अंत में उन्होंने सभी को एक मिनट के राजयोग ध्यान में मार्गदर्शन दिया, जिससे वातावरण में गहन शांति का अनुभव हुआ।

अन्य प्रमुख वक्ताओं के विचार

प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी, विभागाध्यक्ष, पत्रकारिता विभाग, भोपाल- हर कोई अब कंटेंट क्रिएटर है, लेकिन जरूरी है कि कंटेंट ‘वैल्यू-बेस्ड’ हो, सिर्फ वायरल न हो। उन्होंने मंत्र दिया बुरा मत टाइप करो, बुरा मत लाइक करो, बुरा मत शेयर करो।

प्रो. (डॉ.) मंसिंह परमार, पूर्व कुलपति, रायपुर- भारत की आत्मा शांति है। मीडिया को सत्य दिखाना चाहिए और समस्याओं का समाधान करना चाहिए।

राजयोगी बी.के. करुणा, चेयरमैन, मीडिया विंग, ब्रहमाकुमारीज- पहले कहा जाता था कि अच्छी खबर, खबर नहीं होती लेकिन अब मीडिया में आध्यात्मिक खबरें भी जगह बना रही हैं। उन्होंने आह्वान किया कि भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने में मीडिया सहयोग करे।

बी.के. सरला, नेशनल कोऑर्डिनेटर, मीडिया विंग, हैदराबाद- परमात्मा चाहते हैं कि संसार में हर बच्चा शांति से रहे।

बी.के. शांतनु, नेशनल कोऑर्डिनेटर, माउंट आबू- रिपोर्टिंग में विश्वसनीयता से ही समाज में विश्वास और एकता आएगी।”

दीप प्रज्ज्वलन और शांति का संकल्प

समारोह में दीप प्रज्ज्वलन कर सभी ने नकारात्मकता को मिटाकर शांति का प्रकाश फैलाने का संकल्प लिया। इस शुभारंभ सत्र ने मीडिया को आत्मचिंतन और राष्ट्रहित में योगदान देने की दिशा में एक सशक्त मंच और प्रेरणा प्रदान की है।

यह सम्मेलन अगले पांच दिनों तक संवाद, चिंतन और आत्मिक उन्नति का केंद्र बना रहेगा, जहाँ पत्रकारिता की भूमिका को समाज में शांति, एकता और विश्वास की पुनर्स्थापना में नए दृष्टिकोणों से देखा जाएगा।

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