
पटना, 11 अक्टूबर। Folk Musician : बिहार के दरभंगा से भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव ने कहा है कि पार्टी में दलितों और पिछड़े वर्गों के साथ अन्याय हो रहा है। हाल ही में संगीतकार मैथिली ठाकुर को विधानसभा चुनाव का टिकट मिलने की अटकलों के बीच यादव ने शनिवार को भाजपा से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी।
यादव ने आरोप लगाया कि उन्हें पार्टी में उनका उचित हक नहीं मिला और वे जल्द ही इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष दिलिप जायसवाल को सौंपेंगे। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मिश्री लाल यादव जल्द ही आरजेडी के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन में शामिल हो सकते हैं।
दलित और पिछड़ों के साथ अन्याय का आरोप
बिहार के दरभंगा जिले से भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। उन्होंने भाजपा पर दलितों और पिछड़े वर्गों की उपेक्षा करने का गंभीर आरोप लगाया है और कहा कि उन्हें पार्टी में उनका उचित अधिकार नहीं दिया जा रहा है। यादव ने अपनी राजनीतिक यात्रा की बात करते हुए कहा कि उन्होंने अलीनगर विधानसभा सीट से एनडीए के लिए पहली बार जीत हासिल की, जबकि इससे पहले अन्य बड़े उम्मीदवार असफल रहे थे।
मिश्री लाल यादव ने 2020 में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर चुनाव जीता था, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एनडीए सहयोगी थी। हालांकि, 2022 में भाजपा के दबाव में वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया, जिससे पार्टी गठबंधन से बाहर हो गई। इसके बाद यादव और वीआईपी के अन्य तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे।
भविष्य की राजनीतिक योजनाओं का नहीं किया खुलासा
हालांकि मिश्री लाल यादव ने अपने भविष्य के राजनीतिक कदमों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक वे राजद (आरजेडी) के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के संपर्क में हैं और जल्द ही उस गठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं। भाजपा की ओर से इस इस्तीफे पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस इस्तीफे से बिहार की आगामी विधानसभा चुनावों में विपक्ष के गठबंधन को मजबूती मिलने की संभावना है। वहीं, भाजपा के लिए यह एक चुनौती भी साबित हो सकता है, खासकर दलित और पिछड़े वर्गों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिहाज से। आगामी चुनावों के पहले इस तरह के दल-बदल से राजनीतिक परिदृश्य में हलचल बढ़ने की संभावना बनी हुई है।
मैथिली ठाकुर ने चुनाव लड़ने की जताई इच्छा
यहां बता दें कि, लोकप्रिय लोक संगीतकार मैथिली ठाकुर ने अपने क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने हाल ही में स्पष्ट किया कि वे अपनी कला के साथ-साथ अपने क्षेत्र के विकास और समाज सेवा के लिए भी काम करना चाहती हैं। मैथिली ठाकुर का मानना है कि वे राजनीति के माध्यम से लोगों की समस्याओं को बेहतर समझकर समाधान निकाल सकती हैं।
अपने संवाद में मैथिली ने कहा, मेरी पहली प्राथमिकता हमेशा संगीत रही है, लेकिन अब मैं अपने क्षेत्र के लोगों की आवाज बनना चाहती हूँ। मैं सामाजिक विकास के लिए सक्रिय भूमिका निभाना चाहती हूँ और इसके लिए विधानसभा चुनाव लड़ना मेरा एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
मैथिली ठाकुर की इस राजनीतिक महत्वाकांक्षा से उनके समर्थकों में उत्साह देखने को मिल रहा है। वहीं, राजनीतिक गलियारों में भी उनके इस फैसले को लेकर चर्चा तेज हो गई है। उनका मानना है कि राजनीति के साथ वे अपने समाज सेवा के लक्ष्य को और मजबूती दे सकेंगी।
अगले विधानसभा चुनाव में मैथिली ठाकुर के संभावित उम्मीदवार बनने की चर्चाएं जोरों पर हैं, और उनके इस फैसले से क्षेत्रीय राजनीति में हलचल मच गई है।