Nava Raipur में दो दिवसीय कलेक्टर-SP कॉन्फ्रेंस…! CM साय की अध्यक्षता में सुशासन और जनसेवा पर होगी मंथन

रायपुर, 12 अक्टूबर। Nava Raipur : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज से नवा रायपुर स्थित मंत्रालय (महानदी भवन) में दो दिवसीय कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ हो रहा है। इस महत्वपूर्ण बैठक में सभी विभागीय सचिव, संभागायुक्त, जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक (SP) और जिला वन अधिकारी (DFO) शामिल हो रहे हैं।
एजेंडे में प्रशासनिक कसावट और योजनाओं की समीक्षा
इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य राज्य में शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन, सुशासन की स्थिति और जनसेवा की गुणवत्ता की गहराई से समीक्षा करना है। इसके साथ ही पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली, कानून-व्यवस्था की स्थिति और वन विभाग की योजनाओं पर भी गंभीर मंथन किया जाएगा।
मुख्य सचिव की पहली बैठक
यह बैठक इसलिए भी खास है क्योंकि यह मुख्य सचिव विकासशील के पदभार ग्रहण करने के बाद उनकी पहली उच्च स्तरीय प्रशासनिक समीक्षा बैठक है। राज्य शासन ने पहले ही सभी अधिकारियों को विस्तृत एजेंडे के साथ पत्र जारी कर आवश्यक सूचनाएं एकत्र करने का निर्देश दिया था।
बैठकों का विस्तृत कार्यक्रम
- 12 अक्टूबर: कलेक्टर कॉन्फ्रेंस – शासकीय योजनाओं की समीक्षा, जनसेवा और प्रशासनिक कसावट पर चर्चा।
- 13 अक्टूबर: एसपी कॉन्फ्रेंस – कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और विकास कार्यों पर फोकस। साथ ही, पहली बार कलेक्टर-DFO कॉन्फ्रेंस का आयोजन – जिसमें वन विभाग की योजनाएं और मुआवजा प्रकरणों की समीक्षा की जाएगी।
- 14 अक्टूबर: राज्य स्तरीय सुशासन शिखर सम्मेलन – प्रशासनिक सुधारों, विभागीय समन्वय और राज्य के समग्र विकास पर होगा मंथन। इसमें कलेक्टर, एसपी और डीएफओ के बीच तालमेल और साझा उत्तरदायित्व को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।
विकास और समन्वय पर जोर
इस बार की कॉन्फ्रेंस की सबसे खास बात यह है कि सभी प्रमुख प्रशासनिक इकाइयों कलेक्टर, एसपी और डीएफओ – को एक ही मंच पर लाकर विभागीय समन्वय और नीति-निर्माण को जमीन पर लागू करने की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। सरकार का प्रयास है कि विभिन्न विभागों के बीच समन्वय के माध्यम से योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।
कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस न केवल एक समीक्षा बैठक है, बल्कि यह राज्य के सुशासन और प्रशासनिक नवाचार की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। आने वाले दिनों में इसके परिणाम जमीनी स्तर पर नजर आने की उम्मीद है।