दुर्ग, 23 अक्टूबर। Traditional Sports Festival : पाटन विकासखंड के ग्राम झाड़मोखली में इस वर्ष भी पारंपरिक खेलों और ग्रामीण संस्कृति का संगम देखने को मिलेगा। ग्रामवासियों और ज्वाला क्रीड़ा समिति के संयुक्त तत्वावधान में 26 अक्टूबर (रविवार) को खेल मेला का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन पिछले 34 वर्षों से लगातार दीपावली के बाद और रानीतराई मंडई से पहले के रविवार को आयोजित होता आ रहा है।
इस दो दिवसीय खेल महोत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल करेंगे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता ओबीसी व पंचायत विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर करेंगे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में क्रीड़ा भारती छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष एवं इंटरनेशनल रेफरी संजय शर्मा (रायपुर), अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष डोमन लाल कोर्सेवाड़ा (विधायक), साजा विधायक ईश्वर साहू, दुर्ग महापौर अलका बाघमार, भाजपा प्रदेश मंत्री जितेन्द्र वर्मा, जिला पंचायत सदस्य नोमिन ठाकुर, जिला पंचायत सभापति नीलम चंद्राकर व कल्पना साहू, पाटन जनपद अध्यक्ष कीर्ति नायक, जनपद उपाध्यक्ष कमलेश वर्मा, कुम्हारी नगर पालिका अध्यक्ष मीना वर्मा, अमलेश्वर नगर पालिका अध्यक्ष दयानंद सोनकर, पाटन नगर पंचायत अध्यक्ष योगेश (निक्की) भाले सहित अनेक जनप्रतिनिधि और समाजसेवी उपस्थित रहेंगे।
ग्रामवासी माधव प्रसाद वर्मा ने बताया कि इस आयोजन की तैयारी बड़े उत्साह के साथ की जा रही है। लगभग 30-40 किलोमीटर के दायरे के गांवों में आमंत्रण भेजा गया है। इस खेल मेले में करीब 100 कबड्डी टीमें भाग लेंगी। बच्चों और वयस्कों के अलग-अलग समूह में मुकाबले आयोजित होंगे। इसके अलावा शतरंज, चौसर और फुगड़ी जैसे पारंपरिक खेल भी आकर्षण का केंद्र रहेंगे।
आयोजन समिति के अध्यक्ष चमन पटेल ने बताया कि गांव के युवा, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे सभी इस आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय रूप से जुड़े हैं। समिति के सदस्य करण पटेल, लकी पटेल, गौरव वर्मा, वीनू पटेल, सुरेश वर्मा, मनोज वर्मा, गोकुल वर्मा, राधे कृष्णा यादव, टिकेंद्र ठाकुर, जैनेंद्र वर्मा, निर्मल यादव, रामकृष्ण पटेल, घनश्याम ठाकुर, कमलेश वर्मा, ललित चतुर्वेदी, रामदयाल धीवर, नेतराम वर्मा, शत्रुहन वर्मा, लक्ष्मण वर्मा, सुरेश धुरंधर, बलदाऊ पटेल, खमन ठाकुर, कृष्णा पटेल, तुंगन वर्मा, सत्यनारायण वर्मा और भारत विशाल वर्मा आयोजन को सफल बनाने में जुटे हैं।
ग्राम झाड़मोखली का यह पारंपरिक खेल मेला अब केवल एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि ग्रामीण एकता, संस्कृति और परंपरा का प्रतीक बन चुका है।


