ढाका, 17 नवंबर। Bangladesh Politics : अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध गंभीर अपराधों का दोषी पाया है। तीन न्यायाधीशों वाले न्यायाधिकरण ने इस मामले में शेख हसीना को मौत की सज़ा सुनाई। न्यायमूर्ति गुलाम मुर्तजा की अध्यक्षता वाले तीन न्यायाधीशों वाले न्यायाधिकरण ने 400 पृष्ठों के छह खंडों में अपना फैसला सुनाया।
न्यायमूर्ति मुर्तजा की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण में न्यायमूर्ति मोहम्मद शफीउल आलम महमूद और न्यायमूर्ति मोहम्मद मोहितुल हक इनाम चौधरी भी शामिल हैं। न्यायाधिकरण ने एक मामले में यह भी फैसला सुनाया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को उनकी मृत्यु तक कारावास में रखा जाए। न्यायाधिकरण ने कहा कि उसने मानवाधिकार संगठनों और अन्य संगठनों की कई रिपोर्टों पर विचार किया है। इसने शेख हसीना द्वारा किए गए अत्याचारों का भी विस्तृत विवरण दिया है।
छह खंडों में दर्ज गंभीर आरोप
न्यायाधिकरण के फैसले में यह भी कहा गया कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मारे गए। शेख हसीना ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर हेलीकॉप्टर से बमबारी का आदेश दिया था। न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि अवामी लीग के कार्यकर्ता कथित तौर पर सड़कों पर उतर आए और पार्टी नेतृत्व की पूरी जानकारी में पूर्व-नियोजित हमले किए।
न्यायाधिकरण शेख हसीना और उनके मंत्री हसनुल हक इनु के बीच हुई कई फ़ोन बातचीतों को भी सुन रहा है ताकि हिंसा में अवामी लीग के शीर्ष नेतृत्व की भूमिका स्थापित की जा सके। यह भी पता चल रहा है कि कैसे शेख हसीना ने छात्र विरोध प्रदर्शनों को आतंकवादी गतिविधियों के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया।
न्यायाधिकरण ने कहा कि ज़्यादातर मौतें बांग्लादेशी सुरक्षा बलों द्वारा आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले घातक धातु के छर्रों से भरी सेना की बंदूकों से चलाई गई गोलियों से हुईं। शेख हसीना की सरकार के तहत, सेना, पुलिस और आरएबी ने न्यायेतर हत्याएँ कीं। शेख हसीना और अन्य आरोपियों ने मिलकर षडयंत्र रचा।
न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल मामून भी इस मामले में आरोपी हैं। न्यायाधिकरण ने निष्कर्ष निकाला कि तीनों ने मानवता के विरुद्ध अपराध किए। राजनीतिक नेतृत्व के सीधे आदेशों के कारण प्रदर्शनकारियों और अन्य नागरिकों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ।
1,400 लोगों के मरने की है खबर
न्यायाधिकरण के अनुसार, लगभग 1,400 लोग मारे गए और 11,000 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया और गिरफ्तार किया गया। न्यायाधिकरण ने दृढ़ता से कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने भी माना है कि हिरासत में यातनाएँ राजनीतिक नेतृत्व के निर्देश पर दी गईं। ऐसी घटनाओं की कई रिपोर्टें हैं। बड़ी संख्या में ऐसे वीडियो भी जब्त किए गए हैं और उनकी जांच की जा रही है।
न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि इन वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे प्रदर्शनकारियों को गोली मारकर उनकी हत्या की गई। इनमें से कई वीडियो यूट्यूब चैनलों पर दिखाए गए हैं। एक गवाह, जिसका चेहरा विकृत था, ने भी न्यायाधिकरण के समक्ष गवाही दी।
हसीना ने किया अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार
न्यायाधिकरण ने शेख हसीना के खिलाफ सबूत भी उजागर किए। फैसले से पहले पूरे मामले की समीक्षा और रिकॉर्डिंग की गई थी, यही वजह है कि प्रक्रिया लंबी थी और फैसला आने में समय लगा। राजधानी ढाका में पुलिस को हिंसक विरोध प्रदर्शन की स्थिति में प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया गया है। फैसले से पहले अपने समर्थकों को भेजे गए एक वीडियो संदेश में, शेख हसीना ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया और कहा, फैसला सुना दिया जाए, मुझे परवाह नहीं है।

