Saudi Arabia Bus Accident: Indian Umrah pilgrims killed...three generations of a family wiped out...Hyderabad shaken by the tragic deaths of 18 membersSaudi Arabia Bus Accident

हैदराबाद, 17 नवंबर। Saudi Arabia Bus Accident : सऊदी अरब में मक्का से मदीना जा रही उमरा यात्रियों की बस में लगी भीषण आग ने कई परिवारों की खुशियों को हमेशा के लिए राख में बदल दिया। इस हादसे में 45 भारतीयों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें से 18 लोग एक ही परिवार के थे। तीन पीढ़ियां, दादा-दादी, बच्चे, पोते-पोती सभी एक ही हादसे में खत्म हो गए। हैदराबाद के मुसीराबाद क्षेत्र का पूरा माहौल मातम और चीखों में बदल गया है।

उमरा पूरा कर लौट रहे थे, तभी हुआ दर्दनाक हादसा

ये सभी यात्री उमरा अदा करने के बाद मदीना की ओर जा रहे थे। बच्चों ने घर लौटते समय नानी-नाना के लिए तोहफे लिए थे, बुजुर्ग घर वापस आने की खुशियों पर बात कर रहे थे। लेकिन जैसे ही बस ने मुफ्रिहात इलाके में एक डीजल टैंकर को टक्कर मारी, टक्कर इतनी भीषण थी कि बस धधकते inferno में बदल गई और यात्री बाहर निकल भी नहीं पाए।

एक परिवार की तीन पीढ़ियां खत्म

हैदराबाद के मुसीराबाद के रहने वाले शेख नसीरुद्दीन, उनकी पत्नी अख्तर बेगम, उनका बेटा, दो बेटियाँ, बहू और रिश्तेदार—all एक ही बस में थे। रिश्तेदार बताते हैं, वे इस यात्रा के लिए हफ्तों से तैयारी कर रहे थे…बहुत खुश थे। लेकिन हादसे ने पूरे परिवार का अस्तित्व ही खत्म कर दिया।

उनके चचेरे भाई मोहम्मद असलम ने रोते हुए कहा, हमारे 18 लोग…सब खत्म हो गए। सरकार जांच कराए और जो जिम्मेदार हैं, उसे सजा मिले। हर शब्द में दर्द था, टूट चुकी उम्मीदें, और एक ऐसा शून्य जिसे भरना अब नामुमकिन है।

साबिहा बेगम और उनका पूरा परिवार भी नहीं बचा

एक और परिवार पूरी तरह उजड़ गया। साबिहा बेगम, उनका बेटा इरफान, बहू हुमैरा, और दो मासूम बच्चे हामदान और इजान भी इस हादसे में जान गंवा बैठे। रिश्तेदार का कहना था, बच्चे पहली बार उमरा पर गए थे…बहुत खुश थे।

हज कमिटी ने सहायता का वादा किया

तेलंगाना स्टेट हज कमिटी के चेयरमैन गुलाम अफजल बियाबानी (Saudi Arabia Bus Accident) ने कहा, यह बेहद दुखद समय है। भले ही प्राइवेट ऑपरेटर्स पर हमारा नियंत्रण नहीं है, लेकिन हम हर परिवार को पूरी जानकारी और सहायता प्रदान करेंगे।

इतनी बड़ी त्रासदी के बाद भी यह सवाल अनुत्तरित है, क्या हादसा बस चालक की गलती थी? क्या डीजल टैंकर ने नियमों का पालन नहीं किया? क्या प्राइवेट ऑपरेटरों की लापरवाही छिपाई जा रही है? बहरहाल, परिवारों की सिर्फ एक ही मांग है, सच्चाई सामने आए, और जिसे भी जिम्मेदार पाया जाए, उसे सजा मिले। क्योंकि 45 ज़िंदगियां…18 सपने…18 कहानियां… यूं ही जलकर ख़त्म नहीं हो सकतीं।

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