नई दिल्ली, 20 नवंबर। Vande Bharat Sleeper Train : वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में आवश्यक सुधार (रेट्रोफिटिंग) का काम अंतिम चरण में है। ट्रेन का परीक्षण पूरा होने के बाद मिली तकनीकी कमियों को ठीक किया जा रहा है। रेलमंत्री ने स्पष्ट किया कि “हम शॉर्टकट में विश्वास नहीं करते। यात्रा को आरामदायक और सुरक्षित बनाना हमारी प्राथमिकता है।” उन्होंने पुष्टि की कि ट्रेन दिसंबर 2025 में यात्रियों के लिए शुरू कर दी जाएगी।
ट्रायल रन में थीं कमियां सामने, अब ये बड़े बदलाव
टेस्टिंग के दौरान बोगी और सीटों से जुड़ी कुछ समस्याएं सामने आई थीं। इन्हें सुधारते हुए ट्रेन को अधिक सुरक्षित और बेहतर बनाया जा रहा है। किए जा रहे प्रमुख बदलाव-
- आपातकालीन अलार्म बटन को ऊपरी बर्थ के पीछे से हटाकर सुलभ स्थान पर लगाया जा रहा है।
- एसी डक्ट को बेहतर पोजीशन में शिफ्ट किया जा रहा है।
- आग से बचाव के लिए विशेष केबल और आर्क फॉल्ट डिटेक्शन डिवाइस लगाए जा रहे हैं।
- सीसीटीवी के लिए आग-रोधी केबल का उपयोग।
- यूरोपीय सुरक्षा मानकों EN 45545 और EN 15227 के अनुसार थर्ड-पार्टी सुरक्षा जांच।
पहले कई बार टल चुकी है लॉन्चिंग
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की लॉन्चिंग अक्टूबर में प्रस्तावित थी, लेकिन परीक्षण के दौरान सामने आई कमियों के कारण इसे टाल दिया गया। अब रेल मंत्रालय ने पुष्टि की है कि ट्रेन दिसंबर में पटरी पर दौड़ेगी।
वंदे भारत स्लीपर का निर्माण बीईएमएल (BEML) कर रही है, जो ऐसी 10 ट्रेनों का निर्माण कर रही है। अधिकारियों के अनुसार पहली ट्रेन एक प्रोटोटाइप थी, इसलिए इसे हर पैरामीटर पर गहराई से परखा गया। सुझावों के आधार पर सुधार कर ट्रेन को और उन्नत बनाया जा रहा है।
गति और डिजाइन की खासियतें
ट्रेन को 160 किमी/घंटा की रफ्तार के लिए डिजाइन किया गया है। ट्रायल 180 किमी/घंटा की स्पीड पर सफलतापूर्वक किया गया। रेलवे का कहना है कि सुरक्षा और आराम में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। ट्रेन के लॉन्च होने के बाद लंबी दूरी की यात्रा पहले से कहीं अधिक आरामदायक, सुरक्षित और आधुनिक सुविधाओं से भरपूर होगी।
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है, और यात्री इसके लॉन्च का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में मिलने वाली सुविधाएं
- पूरी तरह एयर कंडीशनड कोच
सभी कोच एयर-कंडीशन होंगे, ताकि लंबी दूरी की रात की यात्रा आरामदायक हो। - विभिन्न कोच क्लास
ट्रेन में तीन प्रकार की क्लास होंगी:- AC 3-Tier (11 कोच)
- AC 2-Tier (4 कोच)
- AC First Class (1 कोच)
- आरामदायक बर्थ्स
- चौड़ी बंक बिस्तर (bunk beds) जो सोने के लिए अच्छी ज़गह देते हैं।
- हर बर्थ पर रीडिंग लाइट और USB चार्जिंग पोर्ट।
- ऊपरी बर्थ पर चढ़ने के लिए एर्गोनॉमिक (आरामदायक) लैडर।
- सेनेटरी सुविधाएँ
- प्रति कोच कई शौचालय होंगे, और एक शौचालय विशेष रूप से दिव्यांग यात्रियों के लिए होगा।
- बायो-वैकिन्यूम (touch-free) टॉयलेट्स, जो स्वच्छता के लिहाज़ से बेहतर हैं।
- AC First Class कोच में हॉट वॉटर शावर की सुविधा भी है।
- सुरक्षा और ब्रेकिंग सिस्टम
- Kavach स्वदेशी ट्रेन कोलिजन-अवॉइडेंस सिस्टम, जो टकराव की संभावना कम करता है।
- क्रैश-प्रूफ डिजाइन एंटी-क्लाइंबर (anti-climber), सेमी-परमानेंट कूपलर्स।
- अग्नि सुरक्षा: EN-45545 HL3 जैसे यूरोपीय फायर-सेफ्टी स्टैंडर्ड्स का अनुपालन।
- फायर डिटेक्शन सिस्टम, स्मोक अलार्म।
- सेंट्रलाइज्ड कोच मॉनिटरिंग सिस्टम, जिससे AC और पॉवर सिस्टम की निगरानी होती है।
- कम्फ़र्ट और कनेक्टिविटी
- सेंसर-बेस्ड (स्वचालित) लाइटिंग जो ऊर्जा बचाती है और माहौल को बेहतर बनाती है।
- डिजिटल इनफॉर्मेशन डिस्प्ले पैनल्स, जिससे यात्रियों को स्टेशनों, समय आदि की जानकारी मिलती है।
- पब्लिक अनाउंसमेंट (PA) सिस्टम और वॉयस कम्युनिकेशन (आपात स्थिति में) किया जा सकता है।
- USB चार्जिंग पोर्ट हर बर्थ पर।
- ऑनबोर्ड Wi-Fi, जिससे इंटरनेट की सुविधा मिलेगी।
- पैंट्री और भोजन
- ट्रेन में मॉड्यूलर पैंट्री कार होगी, जिससे यात्रियों को स्वादिष्ट खाना और ताज़ा स्नैक्स मिल सकें।
- फिक्स और फोल्डेबल स्नैक टेबल्स, ताकि खाने के दौरान आरामदायक अनुभव हो।
- विशिष्ट यात्रियों के लिए सुविधाएं
- दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष बर्थ और WC।
- चालक और स्टाफ के लिए भी समर्पित सुविधाएं वातानुकूलित लोको पायलट कैब और उनके लिए शौचालय।
- प्रदूषण-नियंत्रण और ऊर्जा दक्षता
- रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम, जिससे ब्रेक लगाने पर ऊर्जा वापस सिस्टम में लौटाई जाती है।
- एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम जिसे ऑक्सीजन-लेवल मेन्टेन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- अन्य सुरक्षा-तकनीकी सुविधाएं
- CCTV कैमरे ट्रेन के अंदर, सुरक्षा बढ़ाने के लिए।
- इमरजेंसी टॉक-बैक यूनिट यात्री और ट्रेन मैनेजर/लोको पायलट आपातकाल में बात कर सकते हैं।
- वाइड अन्दरूनी रास्ते (gangways) जो पूरी तरह सील्ड हों, जिससे धूल प्रवेश न कर सके।
- उंची गति (High-Speed)
- इस ट्रेन का डिजाइन स्पीड 180 किमी/घंटा तक है, जबकि सेवा गति लगभग 160 किमी/घंटा होगी।

