रायपुर, 12 जून। Ban on Ganja : संडे को रायपुर में गांजे की बड़ी डील होने वाली थी, लेकिन उसके पहले ही पुलिस ने धर दबोचा। इस मामले में अब 4 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी में एक ऐसा शातिर भी शामिल हैं जो प्रतिबंध के बावजूद रायपुर शहर में गांजे का धंधा धड़ल्ले से चला रहा था।
रविवार को रायपुर के धरसीवा और खमतराई थानों की पुलिस ने अलग-अलग इलाकों पर छापेमारी करते हुए कुल 24 किलो 800 ग्राम गांजा बरामद किया है। पुलिस ने उदय जैन और तुलसी सोनी को खमतराई इलाके से गिरफ्तार किया है। धरसीवा में रामकृष्ण तिवारी और रमेश अग्रवाल नाम के बदमाश पकड़े गए हैं।
एक पर 3 दर्जन से ज्यादा मामले
इस मामले में गिरफ्तार हुआ उदय जैन पुराना बदमाश है। खमतराई इलाके में हत्या, बलवा, मारपीट जैसे 3 दर्जन से अधिक केस इस पर दर्ज हैं। यह कई बार जेल भी जा चुका है। जिला प्रशासन ने उदय जैन को जिला बदर भी कर दिया था । मगर इसके बावजूद यह धड़ल्ले से अपना रैकेट चला रहा था और गांजे के धंधे में लगा हुआ था। फिलहाल उदय गिरफ्तार हो चुका है।
धरसीवा और खमतराई इलाके में गांजे (Ban on Ganja) की डील की खबर पुलिस और एंटी क्राइम एवं सेवर यूनिट को मिल गई थी । पुलिस की टीम ने पहले से ही जाल बिछा रखा था । सादी वर्दी में पुलिस के जवान उदय जैन के अड्डे के आसपास पहुंच गए थे । उदय ने अपने साथी के साथ गांजे की डील करने की कोशिश की फौरन इसे दबोच लिया गया। इसी तरह बाकी बदमाशों को भी पकड़ा गया है।
एक माह में 600 किलो से अधिक गांजा जब्त
कुछ महीने पहले रायपुर में हुई आईजी एसपी कांफ्रेंस के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांजे पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने साफ तौर पर पुलिस के अधिकारियों से कहा था कि गांजे की एक पत्ती भी छत्तीसगढ़ में नहीं आनी चाहिए। पिछले 1 महीने में पुलिस के द्वारा की गई आधिकारिक कार्रवाइयों पर ही नजर डालें तो 600 किलो से ज्यादा का गांजा बरामद हो चुका है।
1 महीने पहले रायपुर के उरला इलाके (Ban on Ganja) में एक ट्रक पकड़ा गया था, जिसमें 480 किलो गांजा मिला था। रायपुर के रेलवे सुरक्षा पुलिस ने भी 14 किलो गांजे के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया, रायपुर से 46 किलो गांजा ले जाकर पति-पत्नी की जोड़ी आगरा में गिरफ्तार हुई। रायपुर के बस स्टैंड से 29 किलो गांजा बरामद हो चुका है। इसके अलावा लगभग हर सप्ताह 3 से 4 किलो औसतन गांजा रायपुर के मोहल्लों से पुलिस को मिल ही जाता है। गिरफ्तारियां भी होती हैं।