Big change in Congress: Major reshuffle in Haryana Congress...! Bhupinder Singh Hooda again as Leader of Opposition... Rao Narendra becomes new state presidentBig change in Congress

चंडीगढ़, 30 सितंबर। Big Change in Congress : हरियाणा कांग्रेस में लंबे समय से चल रही सियासी अटकलों पर विराम लगाते हुए पार्टी हाईकमान ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को एक बार फिर से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राव नरेंद्र को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह फैसला राज्य में जातीय समीकरणों और सांगठनिक रणनीति के लिहाज से कांग्रेस के लिए बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

जाट-ओबीसी समीकरण पर कांग्रेस का नया दांव

कांग्रेस ने इस बार जाट-दलित के पारंपरिक समीकरण से हटकर जाट-ओबीसी समीकरण पर भरोसा जताया है। हुड्डा जहां जाट समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं, वहीं राव नरेंद्र यादव समाज (ओबीसी वर्ग) से आते हैं। इससे पार्टी ने दो बड़े सामाजिक वर्गों को साधने की कोशिश की है।

कांग्रेस ने करीब दो दशकों के बाद दलित नेतृत्व से हटकर ओबीसी वर्ग को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। इससे पहले अशोक तंवर, कुमारी शैलजा और चौधरी उदयभान जैसे दलित नेता पार्टी की कमान संभाल चुके थे।

हुड्डा का दबदबा बरकरार

हरियाणा कांग्रेस की पूरी राजनीति अब भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के इर्द-गिर्द घूमती है। न सिर्फ उन्हें फिर से विधायक दल का नेता बनाया गया है, बल्कि उनके करीबी माने जाने वाले राव नरेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर हुड्डा ने संगठन पर अपनी पकड़ और मज़बूत कर ली है।

37 में से अधिकतर विधायक हुड्डा कैंप से जुड़े हुए हैं और हाईकमान के लिए उन्हें नज़रअंदाज़ करना संभव नहीं था। उनका जाट समुदाय से आना, राजनीतिक अनुभव और राज्यव्यापी पकड़, कांग्रेस के लिए उन्हें एक बार फिर सबसे उपयुक्त चेहरा बनाती है।

राव नरेंद्र: यादव वोटबैंक साधने की रणनीति

राव नरेंद्र हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र से आते हैं, जो कि राज्य की ओबीसी राजनीति का अहम हिस्सा है। वे तीन बार विधायक रह चुके हैं और हुड्डा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी थे। यादव समाज हरियाणा में सबसे बड़ी ओबीसी आबादी रखता है, और कांग्रेस की नजर इस वर्ग को फिर से पार्टी से जोड़ने पर है।

कांग्रेस ने लगभग 53 साल बाद अहीरवाल से किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। इससे पहले राव निहाल सिंह 1972 से 1977 तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।

भाजपा की रणनीति को जवाब देने की कोशिश

हरियाणा में भाजपा ओबीसी और ब्राह्मण समीकरण पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (ओबीसी) और प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली (ब्राह्मण) के सहारे भाजपा ने 2024 विधानसभा चुनाव में सफलता हासिल की। कांग्रेस अब इसके जवाब में जाट-ओबीसी की जोड़ी के जरिए सत्ता में वापसी की राह तलाश रही है।

अहीरवाल बेल्ट में कांग्रेस की स्थिति कमजोर

अहीरवाल बेल्ट (दक्षिण हरियाणा) में कांग्रेस का प्रदर्शन लगातार गिरता गया है। 2024 के चुनाव में इस क्षेत्र की 12 सीटों में से कांग्रेस सिर्फ 1 सीट ही जीत सकी। राव इंद्रजीत सिंह के भाजपा में जाने के बाद कांग्रेस का आधार इस क्षेत्र में लगातार कमजोर होता गया। राव नरेंद्र की नियुक्ति से पार्टी को इस इलाके में पुनर्गठन की उम्मीद है।

नया संतुलन, नई तैयारी

हरियाणा में कांग्रेस ने इस बार जातीय केमिस्ट्री के साथ-साथ क्षेत्रीय संतुलन पर भी ध्यान दिया है। एक तरफ हुड्डा जाट बहुल इलाकों में प्रभावी हैं, तो दूसरी तरफ राव नरेंद्र अहीरवाल व ओबीसी क्षेत्रों में पार्टी को मज़बूती दे सकते हैं।

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