Big NGO Scam: Chhattisgarh 1000 crore NGO scam...! High Court clears the way for SBI investigation... 11 officers, including the former Chief Secretary, will face action.Big NGO Scam

बिलासपुर, 25 सितंबर। Big NGO Scam : राज्य के बहुचर्चित 1000 करोड़ रुपये के एनजीओ घोटाले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच को हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने पूर्व मुख्य सचिव सहित 11 वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जांच का आदेश जारी करते हुए कहा है कि मामले की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच जरूरी है।

हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच (जस्टिस पीपी साहू और जस्टिस संजय कुमार अग्रवाल) ने स्पष्ट किया कि सीबीआई 5 फरवरी 2020 को दर्ज एफआईआर RC2222020A0001 के आधार पर अपनी जांच आगे बढ़ाएगी। यदि एफआईआर पुनः दर्ज की जाती है, तो सीबीआई को 15 दिनों के भीतर सभी संबंधित विभागों से मूल दस्तावेज जब्त करने होंगे।

यह है मामला

राज्य समाज कल्याण विभाग के अधीन राज्य स्रोत नि:शक्तजन संस्थान में फर्जी एनजीओ बनाकर सरकारी योजनाओं की धनराशि का दुरुपयोग किया गया। आरटीआई और विशेष ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, प्रारंभिक तौर पर 5.67 करोड़ रुपये की अनियमितता पाई गई, लेकिन घोटाले की कुल रकम 1000 करोड़ रुपये तक पहुंचती है। 31 प्रकार की वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ, जिसमें अग्रिम राशि के दुरुपयोग, बिना अनुमोदन के राशि हस्तांतरण, और फर्जी खर्चों का उल्लेख है।

कैसे खुला मामला?

रायपुर निवासी कुंदन सिंह ठाकुर, जो स्वयं को इस संस्थान में कार्यरत बताया गया था, ने RTI के माध्यम से पूरे मामले का पर्दाफाश किया। इसके बाद उन्होंने वकील देवर्षि ठाकुर के माध्यम से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की।

इन अफसरों पर हैं आरोप

पूर्व आईएएस अफसरों में आलोक शुक्ला, विवेक ढांड, एमके राउत, सुनील कुजूर, बीएल अग्रवाल, पीपी सोती के नाम प्रकाश में आए हैं, जबकि राज्य सेवा के अफसरों में सतीश पांडे, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, हरमन खलखो, एमएल पांडे, पंकज वर्मा के नाम प्रकाश में आए हैं।

बहरहाल, मामले में हाई कोर्ट ने पहले ही सीबीआई जांच का आदेश दिया था, जिस पर सीबीआई ने जबलपुर में एफआईआर दर्ज की थी। आरोपी अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जांच पर रोक लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने प्रक्रिया की त्रुटियों के आधार पर हाई कोर्ट को दोबारा सुनवाई का आदेश दिया। अब हाई कोर्ट ने दोबारा सभी पक्षों को सुनकर CBI जांच को वैध ठहराया है।

आगे की कार्रवाई

सीबीआई को 15 दिनों में दस्तावेज जब्त करने होंगे। जांच निष्पक्ष और शीघ्रता से पूरी करने के निर्देश। मामले की गंभीरता को देखते हुए यह छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी घोटाला जांचों में से एक मानी जा रही है।

छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक इतिहास के इस सबसे बड़े घोटाले में अब सीबीआई की जांच से सच्चाई सामने आने की उम्मीद है। हाई कोर्ट का फैसला यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी रसूखदार अब कानून से ऊपर नहीं रहेगा

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