रायपुर, 4 फरवरी। Business Sanvaad : कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ‘व्यापारी संवाद’ का एक राष्ट्रीय अभियान आयोजित किया। इस दौरान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर परवानी के नेतृत्व में कैट टीम के प्रतिनिधि मंडल ने रायपुर इलेक्ट्रिकल मर्चेंट एसोसिएशन, रायपुर साइकिल मर्चेंट एसोसिएशन और छत्तीसगढ़ ग्लास एसोसिएशन से मुलाकात कर व्यवसाय में आ रही समस्याओं से अवगत कराया।
कैट के पदाधिकारी अमर पारवानी एवं जितेन्द्र दोशी ने जानकारी दी कि, व्यापारी संवाद विभिन्न एसोसियेशन के पदाधिकारियों से मुलाकात की एवं उनको आ रही समस्याओं से अवगत हुए।
एक श्रेणी में रखे जीएसटी
उनके पास जो मेजर समस्या है उनमें वर्तमान में सायकल, सायकल पाट्र्स, ट्राईसायकल, सायकल रिक्शा, टायर टयूब व एसेसरीज में लगने वाली जीएसटी दर पर है। इन सभी सामानों पर 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत एवं 28 प्रतिशत है। जीएसटी से पूर्व सायकल सायकल पाट्र्स, ट्राईसायकल, सायकल रिक्सा, एवं टायर टयूब व एसेसरीज में 4 प्रतिशत था, लेकिन अब सब अलग-अलग है। इससे व्यापारियों को समस्या उत्पन्न हो रहा है, इसलिए संगठनों ने कहा कि ये पूर्व की भांति 4 प्रतिशत जीएसटी किया जाए।
अलग-अलग एचएसएन कोड बड़ी समस्या
व्यापारियों से संवाद (Business Sanvaad) के दौरान संगठन के पास एक ओर समस्या आ रही है वह है एचएसएन कोड। उसके बारे में व्यापारियों ने बताया कि 2 अलग-अलग विक्रेताओं से वस्तुओं की खरीद पर एचएसएन कोड की समस्या का सामना वे कर रहे हैं। उन्होंने कहा हमें 8 अंकों के स्थान पर एक ही वस्तु के अलग-अलग 4 अंकों का एचएसएन मिल रहा है। वार्षिक टर्नओवर 5 करोड़ से अधिक होने के कारण हमारी आवश्यकता 8 अंकों के एचएसएन कोड की है। अधिकतम व्यापारियों ने 8 अंकों का कोड प्रदान करने से इनकार कर दिया और हम वास्तविक एचएसएन कोड खोजने में भ्रमित हो रहे हैं। जीएसटी परिषद से हमारा अनुरोध है कि सभी निर्माताओं को पैकिंग सामग्री पर 8 अंकों के एचएसएन कोड की छपाई का आदेश दिया जाए, जिससे सभी के समस्या का समाधान हो जाएगा।
ई-वे बिल जनरेट करने में गंभीर विसंगतियां
व्यापारियों ने 8 अंकों के प्रारूप में एचएसएन कोड की विसंगति पर ध्यानाकर्षण करते हुए कहा कि जीएसटी परिषद द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार 1 अप्रैल 2021 को 5 करोड़ से अधिक की बिक्री वाले व्यापारियों को अब 6/8 अंकों के एचएसएन कोड तैयार करने की आवश्यकता है। इससे इनवॉयस और ई-वे बिल जेनरेट करने में गंभीर विसंगतियां पैदा हो रही हैं। पहले चार अंकों के लिए कई एचएसएन कोड हैं और सही एचएसएन कोड (निम्नलिखित 4 अंक) को पहचानना हमारे लिए एक कठिन कार्य है। यह भी हमारे संज्ञान में आया है कि यदि दो अलग-अलग विक्रेताओं से खरीदा जाता है तो एक ही सामान में अलग-अलग एचएसएन कोड होते हैं।
कैट ने समाधान का दिया आश्वासन
विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने कैट से अनुरोध किया कि वे जीएसटी परिषद को पैकेजिंग पर प्रत्येक उत्पाद में 8 अंकों का भी प्रिंट करने की सलाह दें। यह सुनिश्चित करेगा कि एचएसएन कोड के साथ कोई भ्रम नहीं है और सही चालान और ई-वे बिल सुनिश्चित करेगा। पारवानी एवं दोशी ने सभी व्यापारियों को आश्वाशन दिया कि व्यापारियों को व्यापार में आ रही समस्याओं को शीघ्र ही संबधित मंत्रालय एवं विभाग से अवगत करवाया जाएगा एवं जो बेहतर सुझाव होगा वे भी अपनी तरफ से देंगे।
व्यापारी संवाद में उपस्थित रहे
व्यापारी संवाद (Business Sanvaad) में रायपुर इलेक्ट्रिल मर्चेन्ट एसोसियेशन, रायपुर सायकल मर्चेन्ट एसोसियेशन एवं छत्तीसगढ़ ग्लास एसोसियेशन के पदाधिकारी एवं कैट सी.जी. चैप्टर के पदाधिकारी अशोक छाबड़ा, प्रीतपाल सिंह, परमानन्द जैन, अमर संतवानी, श्याम माहेश्वरी, ललित चांडक, नवीन राठी, नरेश माखीजा, महेश प्रसाद राय, मोहन वल्र्यानी, जयनेन्द्र कुमार, अमर पारवानी, जितेन्द्र दोशी, विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, राजेन्द्र जग्गी, प्रीतपाल सिंह बग्गा, जयराम कुकरेजा, राकेश अग्रवाल, विजय जैन एवं सतीश श्रीवास्तव उपस्थित रहे।