राष्ट्रीय

मुसलमानों को लेकर चीन की पोल खोलने वाली भारतीय मूल की पत्रकार को मिला पुलित्जर पुरस्कार

न्यूयॉर्क, 12 जून। अशांत शिंजियांग प्रांत में लाखों मुसलमानों को हिरासत में रखने के लक्ष्य से चीन द्वारा गोपनीय तरीके से बनाए गए जेल और अन्य भवनों के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने वाली खबरें लिखने वाली भारतीय मूल की पत्रकार मेघा राजगोपालन और दो अन्य पत्रकारों को इनोवेटिव इंवेस्टिगेटिव पत्रकारिता के लिए पुलित्जर पुरस्कार दिया गया है।

बजफीड न्यूज की पत्रकार राजगोपालन भारतीय मूल की उन दो पत्रकारों में से एक हैं जिन्हें शुक्रवार को अमेरिका का शीर्ष पत्रकारिता पुरस्कार दिया गया। टम्पा बे टाइम्स के नील बेदी को स्थानीय रिपोर्टिंग के लिए यह पुरस्कार दिया गया। बेदी और कैथलीन मैकग्रॉरी ने भविष्य के संदिग्ध अपराधियों की पहचान करने के लिए कंप्यूटर मॉडलिंग का उपयोग करने के शेरीफ कार्यालय के कदम के संबंध में खबर लिखने के लिए पुरस्कृत किया गया है। शेरीफ कार्यालय इस योजना के तहत बच्चों सहित करीब 1,000 लोगों की निगरानी कर रहा था।

बेदी टम्पा बे टाइम्स में इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टर हैं। टाइम्स के कार्यकारी संपादक मार्क कैचेस ने कहा, ”कैथलीन और नील ने पास्को काउंटी में जिस सूचना को सार्वजनिक किया उसका समुदाय पर विस्तृत प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा, ”कोई भी अच्छा इंवेस्टिगेटिव पत्रकार यही कर सकता है और इसलिए यह जरूरी है।

राजगोपालन के शिंजियांग सीरीज को अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग श्रेणी में पुलित्जर पुरस्कार मिला है। पुरस्कार पाने के कुछ ही मिनट बाद राजगोपालन ने बजफीड न्यूज से कहा कि वह पुरस्कार समारोह का सीधा प्रसारण नहीं देख रही थीं क्योंकि जीतने की आशा नहीं थी। उन्होंने कहा कि एक दोस्त ने जब फोन करके उन्हें बधाई दी, तब उन्हें पुलित्जर जीतने का पता चला। उन्होंने लंदन से फोन पर कहा, मैं आश्चर्यचकित हूं, मुझे इसकी आशा नहीं थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button