Chanakya Niti: Signs of Chanakya Niti...! A drying basil plant in the home, increasing domestic troubles, and a broken mirror indicate a major crisis... Understand here.Chanakya Niti

धर्म, 15 नवंबर। Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य द्वारा रचित चाणक्य नीति में मानव जीवन से जुड़े कई गूढ़ सिद्धांत और चेतावनियाँ बताई गई हैं। चाणक्य के अनुसार व्यक्ति के व्यवहार, सोच, आदतों और घर के वातावरण से आने वाले समय में सुख या संकट का संकेत मिल जाता है। उन्होंने अपने ग्रंथों में कुछ विशेष संकेतों का उल्लेख किया है, जिन्हें नज़रअंदाज़ करना भारी पड़ सकता है।

तुलसी का पौधा सूखना: नकारात्मक ऊर्जा का संकेत

तुलसी के पौधे को घर में पवित्रता, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। लेकिन यदि यह बिना किसी कारण मुरझाने लगे या सूख जाए, तो शास्त्रों में इसे बेहद अशुभ माना गया है।

चाणक्य के अनुसार ऐसा होना इस बात का संकेत है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर रही है। इसके बाद आर्थिक हानि, पारिवारिक तनाव और मानसिक अशांति जैसी स्थितियाँ बढ़ सकती हैं। यह परिस्थिति परिवार के लिए चेतावनी के समान मानी जाती है।

गृह क्लेश का बढ़ना: आने वाली कठिनाइयों की आहट

यदि घर में बिना किसी विशेष कारण के अचानक झगड़े बढ़ने लगें, तो चाणक्य इसे जीवन में आने वाले संकट का संकेत बताते हैं। लगातार हो रही तकरार न सिर्फ मानसिक शांति भंग करती है, बल्कि यह आर्थिक हानि और पारिवारिक रिश्तों में दरार भी पैदा कर सकती है। चाणक्य चेतावनी देते हैं कि इस संकेत की अनदेखी करने पर छोटी बहसें आगे चलकर बड़े विवादों में बदल सकती हैं।

दर्पण या शीशा टूटना: अशुभ समय की चेतावनी

चाणक्य नीति के अनुसार घर में दर्पण या शीशा अचानक टूट जाना सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि आने वाले संकट का संकेत माना जाता है। इसे दुर्भाग्य, बाधा और नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक बताया गया है।

शास्त्रों में टूटा हुआ दर्पण घर में रखना निषेध माना गया है, क्योंकि इससे न सिर्फ घर का माहौल अशांत होता है, बल्कि यह मानसिक और आर्थिक परेशानियों को भी बढ़ा सकता है। इसलिए इसे तुरंत घर से बाहर हटा देना चाहिए।

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