CM Shivraj : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देवास के ओल्ड फ्लायओवर और हाटपिपल्या की आईटीआई का नामकरण स्व. कैलाश जी के नाम पर करने की घोषणा की
![CM Shivraj: Chief Minister Shivraj Singh Chouhan named the old flyover of Dewas and ITI of Hatpipalya after himself. announced in the name of Kailash ji](https://jantakiaawaz.in/wp-content/uploads/2023/07/TN5-Bhopal140723073723.jpg)
भोपाल, 14 जुलाई। CM Shivraj : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्व. कैलाश जोशी आमजन के लिए जीते थे। वे ऐसे तपस्वी व्यक्तित्व थे, जिनका कार्य और आचरण ही बोलता है। अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन कैलाश जी आम लोगों के लिए जीते थे। उनकी प्रतिबद्धता आमजन और समाज के प्रति थी। मुख्यमंत्री चौहान आज मानस भवन में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कैलाश जोशी की जयंती पर एक्टिव फ्रेण्डस भोपाल के संयोजन में “संत स्मरण दिवस-राजनीति के संत कैलाश जोशी” कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में विभिन्न राजनैतिक दलों के पदाधिकारी और सदस्य शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. कैलाश जोशी की जन्म-स्थली हाटपिपल्या में आईटीआई का नाम स्व. कैलाश जी के नाम से किया जाएगा। देवास के ओल्ड फ्लायओवर का नामकरण भी स्व. कैलाश जोशी जी के नाम से होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने स्व. कैलाश जोशी जी के चित्र पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. कैलाश जी सदैव अहंकार मुक्त रहते थे। वे गीता के उस श्लोक में बताए गए सभी गुणों से युक्त थे,जिसमें सात्विक कार्यकर्ता की पहचान राग-द्वेष से रहित रहने, अहंकार से मुक्त, धैर्यवान होने और उत्साहयुक्त बने रहने की बात कही गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक कार्य के प्रति उनका समर्पण दिखाई देता था। वे उत्साह से भरे रहते थे। उन्होंने अन्याय के खिलाफ अनेक आंदोलन किए। मुख्यमंत्री ने स्व. जोशी से जुड़े कुछ संस्मरण भी साझा किए। वे आमतौर पर विनम्र रहते थे, लेकिन ऐसा नहीं है कि उन्हें क्रोध न आता हो। वर्ष 1974 में भोपाल में उप चुनाव के दौरान राजधानी में एक मतदान केन्द्र पर कैलाश जी का रौद्र रूप भी देखने को मिला था। वे अव्यवस्था और अनियमितता सहन नहीं करते थे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कैलाश जी के व्यक्तित्व के पहलू चमत्कृत करते थे। आदर्श व्यवहार के धनी कैलाश जी इसलिए संत कहलाए। आधुनिक युग में संतों में कोई राजनीतिज्ञ था तो कैलाश जी और राजनीति में कोई संत थे तो कैलाश जी ही थे। मुख्यमंत्री आज आदर्श जन-प्रतिनिधि कैसा हो, यह पूछा जाए तो स्व. कुशाभाऊ ठाकरे जी के साथ ही कैलाश जी का नाम सबसे ऊपर उभर कर आता है। मुख्यमंत्री ने गीता के श्लोक का उदाहरण देते हुए कहा कि वे ऐसे भक्त थे जो शत्रु और मित्र में समान भाव रखते थे, इसलिए आम-जनता उनकी भक्त बन गई थी। जन-प्रतिनिधियों को कैलाश जी के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। उनकी स्मृतियां सदैव हमारे मध्य रहेंगी।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कहा कि कर्त्तव्य पराणयता स्व. कैलाश जी से सीखी जा सकती है। वे मिलनसार और उदार व्यक्तित्व थे। उन्होंने हमेशा सिद्धांत आधारित राजनीति की। श्री हितानंद शर्मा ने कहा कि स्व. कैलाश जोशी जी ने जो जीवन जिया, विचार के आधार पर जिया। एक संगठन को वट वृक्ष के रूप में गढ़ते हुए उन्होंने सभी को प्रेरणा दी। प्रांरभ में जयवर्धन जोशी ने कहा कि आज संत स्मरण दिवस में उपस्थित सभी जन-प्रतिनिधियों और नागरिकों ने स्व. कैलाश जोशी जी के प्रति सम्मान व्यक्त किया है। अनेक दलों और संगठनों के प्रतिनिधि यहाँ उपस्थित हैं।
कार्यक्रम में सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, पूर्व सांसद आलोक संजर और रघुनंदन शर्मा, एवं माखन सिंह, सुमित पचौरी, जितेन्द्र डागा, गोपीकृष्ण व्यास, मनोहर नाईक, शशि भाई सेठ, योगेश जोशी, ओ.पी. तिवारी, राजकुमार, कैलाश मालवीय, नंदकिशोर, अभय, अनिल अग्रवाल ‘लिली’, राजेश हिंगोरानी, चंदन भूरानी, विनोद तिवारी, राजीव खंडेलवाल अलावा के स्व. कैलाश जोशी के परिवार के सदस्य और नागरिक उपस्थित थे। संचालन जयवर्धन जोशी ने किया। नितिन लोहनी ने अतिथियों और उपस्थितों का आभार माना।