बेमेतरा, 15 जुलाई। Compassionate Appointment : राज्य सरकार द्वारा मानवीय सहानुभूति को ध्यान मे रखते हुए बीते वर्ष अनुकम्पा नियुक्ति मे 10 प्रतिशत के सीमा बन्धन को समाप्त कर दिये जाने से प्रदेश के दिवंगत शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों के स्वजनों को अनुकम्पा नियुक्ति का रास्ता खुल गया है।
दूसरी लहर में पति की मौत
जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी (Compassionate Appointment) के पद पर बेमेतरा में कार्यरत लगभग 42 वर्षीय स्व. राजकुमार ओगरे का 25 अप्रैल 2021 को कोरोना महामारी की दूसरी लहर में असमय मौत हो गई। नियति को कौन टाल सकता है। ऐसे समय में उनके परिवार के समक्ष भरण पोषण की समस्या खड़ी हो गई। परिवार मे पत्नी के अलावा दो पुत्र है। एक बेटा कक्षा 8वीं एवं दूसरा कक्षा 5वीं मे अध्ययनरत है। ग्राम डबराभाट जिला कबीरधाम में उनका संयुक्त परिवार है।
जिला योजना अधिकारी ओगरे की पत्नी रुखमणी कक्ष आठवीं तक पढ़ी है। संकट के इस मुश्किल घड़ी में पति के निधन के लगभग 6 माह के बाद उन्हे जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय बेमेतरा में भृृत्य के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति मिली। रुखमणी ने 26 अक्टूबर 2021 को अनुकम्पा नियुक्ति के तहत नौकरी ज्वाइन की है। शैक्षणिक योग्यता कम होने के कारण उन्हे इस पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त हुई है।
शासन के राहत भरे फैसले
शासन के इस राहत भरे फैसले पर रुखमणी ने प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया। रुखमणी ने कहा कि पति के न होने से परिवार का अधूरापन यद्यपि कभी खत्म नहीं होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अभिभावक की भूमिका निभाते हुए अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की। प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता के चलते ही यह सम्भव हो पाया और आज वह अपने परिवार के लिए कुछ करने लायक सक्षम हो पाई।
उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Compassionate Appointment) और उनकी सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया। रुखमणी का सपना है कि उनके बच्चे भी आगे पढ़ लिखकर अपने पिता की तरह एक जिम्मेदार शासकीय सेवक बनकर आम जनता की सेवा करेंगे।