EOW और ACB का एक्शन…! भ्रष्टाचार जांच में कांग्रेस पदाधिकारी देवेंद्र डडसेना पर शिकंजा…EOW ने मांगी नियुक्ति और वेतन संबंधी जानकारी…यहां देखें Letter

रायपुर, 29 सितंबर। EOW एवं एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB), रायपुर ने भ्रष्टाचार से जुड़े एक महत्वपूर्ण प्रकरण क्रमांक 03/2024 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय, राजीव भवन रायपुर में कार्यरत रहे देवेंद्र डडसेना से जुड़ी दस्तावेजी जानकारी प्राथमिकता के आधार पर मांगी है।
यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) की धारा 7, 7A, 12 एवं भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 420, 120-B, 384 के अंतर्गत दर्ज किया गया है।
मांगी गई जानकारी
एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर द्वारा संबंधित कार्यालय को भेजे गए पत्र में देवेंद्र डडसेना के संबंध में निम्नलिखित बिंदुओं पर जानकारी की मांग की गई है, जिसमें उनके नियुक्ति से संबंधित समस्त दस्तावेज- मतलब देवेंद्र डडसेना किस पद पर कार्यरत थे और उनकी नियुक्ति की अवधि क्या थी। धारित पद के कार्य और कर्तव्य- मतलब उनके द्वारा संभाले गए पद से जुड़े कार्यों और जिम्मेदारियों का विवरण। प्राप्त वेतनमान की जानकारी- मतलब उनके कार्यकाल में उन्हें जो वेतन या मानदेय दिया गया, उसकी पूरी विवरणी और दस्तावेज।
क्या है मामला?
ब्यूरो के अनुसार, इस प्रकरण की विवेचना चल रही है, और देवेंद्र डडसेना की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। इसलिए उनके पद, कार्य, और वेतन से जुड़े दस्तावेज जांच की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
विभागों को निर्देश
ब्यूरो ने स्पष्ट किया है कि उक्त जानकारी को शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध कराया जाए, ताकि जांच में तेजी लाई जा सके और दोषियों की पहचान व कार्रवाई जल्द की जा सके।
राजनीतिक या प्रशासनिक पदों पर कार्यरत व्यक्तियों के विरुद्ध जब भ्रष्टाचार या धोखाधड़ी (EOW) के मामले सामने आते हैं, तो सत्ता और जवाबदेही पर गंभीर प्रश्न खड़े होते हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले में कानून किस तरह से आगे बढ़ता है, और क्या यह कार्रवाई राजनीतिक सीमा से ऊपर उठकर निष्पक्ष न्याय तक पहुंच पाती है।
