बिलासपुर, 26 अप्रैल। Fraud Case : बिलासपुर में नौकरी लगाने के नाम पर दो युवकों से 15 लाख रुपए ठगी के मामले पुलिस ने ITI के फील्ड ऑफिसर और एक अन्य कर्मचारी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। दोनों कर्मचारियों ने मिलकर ITI में सहायक ग्रेड-तीन की नौकरी लगाने के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र थमा कर रकम की वसूली कर ली। अब नौकरी नहीं लगने पर उन्होंने 15 लाख रुपए का चेक थमा दिया, जो बाउंस हो गया है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।
पुलिस के अनुसार तखतपुर क्षेत्र के ढनढन निवासी जगमोहन कौशिक (33) कृषक है। वर्ष 2019 में उसके परिचित मंशाराम पाटले और दीपक पांडेय ने उसे बताया कि रायगढ़ जिले के ITI तमनार में पदस्थ फील्ड ऑफिसर नीरज लाल और कुलदीप सिंह ठाकुर रुपए लेकर नौकरी (Fraud Case) लगवाते हैं। उन्होंने जिला पंचायत कार्यालय के सामने जगमोहन का नीरज और कुलदीप से परिचय कराया। उनकी बातों में आकर वह सरकारी नौकरी के लिए रुपए देने के लिए तैयार हो गया।
उसे बताया गया कि ITI में सहायक ग्रेड-तीन के पद पर नौकरी के पांच लाख रुपए लगेगा। वह रुपए देने के लिए तैयार हो गया। सौदा तय होने के बाद उन्होंने 20 दिसंबर 2019 को उसे नियुक्ति पत्र दिया। इसके एवज में उसने बतौर एडवांस एक लाख रुपए दिया। बाद में न तो उसे नौकरी मिली और न ही रकम वापस किया गया।
ITI में नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है
अलग-अलग बहाने से वसूलते रहे रकम
जगमोहन ने पुलिस को बताया कि ठगी करने वाले ITI कर्मियों ने उससे अलग-अलग बहाने से रुपए वसूली की है। पहले उसे नियुक्ति पत्र देकर एक लाख रुपए का चेक ले लिए। फिर रजिस्टर में हस्ताक्षर लेकर ट्रेनिंग लेटर देकर एक लाख रुपए का चेक ले लिए। इसके बाद दस्तावेज वैरिफिकेशन के नाम से वसूली की गई। जगमोहन ने उन्हें एक लाख रुपए का चेक बतौर एडवांस दिया। उससे सर्विस बुक भराया गया और रुपए वसूली कर लिए। इस तरह से अलग-अलग बहाने से उससे दस लाख रुपए चेक के माध्यम से लिया गया।
दो युवकों से की धोखाधड़ी, पुलिस ने दर्ज किया केस
जगमोहन से दस लाख रुपए लेने के बाद उसे भरोसा दिलाने के लिए दस लाख रुपए का चेक भी दिया गया था। साथ ही उसे मेडिकल कराने और ज्वाइनिंग लेटर देने का झांसा देते रहे। दस लाख रुपए देने के बाद उसे पता चला कि इस तरह से उन्होंने उसके परिचित के अमित तिवारी से भी पांच लाख रुपए ले लिया है। नौकरी नहीं लगने पर अमित ने चेक आहरण के लिए लगाया, तब अकाउंट में रुपए नहीं होने पर चेक बाउंस हो गया। इसके बाद जगमोहन ने भी अपना चेक लगाया, तो वह भी बाउंस हो गया। इसके बाद परेशान होकर उन्होंने सिविल लाइन थाने में शिकायत की, जिस पर पुलिस ने धोखाधड़ी (Fraud Case) का केस दर्ज कर लिया है।