छत्तीसगढ

Cabinet Meeting : 22 नवंबर को, धान खरीदी समेत कई मुद्दों पर होगा अहम फैसला

रायपुर, 13 नवबंर। भूपेश बघेल कैबिनेट की अहम बैठक 22 नवंबर को होने जा रही है। लंबे समय बाद होने जा रही कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा।

करीब ढाई महीने बाद होने वाली कैबिनेट की बैठक के लिए विभागों के सचिवों से प्रस्ताव मंगाए जा रहे हैं। पता चला है, कैबिनेट पर स्कूल खोलने पर भी चर्चा की जाएगी।

अफसरों ने संकेत दिए थे कि दिवाली के बाद स्कूल खोले जाएंगे। मगर कोरोना को देखते असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में, कैबिनेट में इस पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा एक दिसंबर से धान खरीदी पर भी चर्चा होगी। बैठक में विवेकानंद जयंती के मौके पर दो दिन का युवा महोत्सव मनाने पर भी मुहर लगेगा।

इसके अलावे दर्जन भर से अधिक मामले जीएडी में पहुंच चुके हैं। उच्च पदस्थ अधिकारियों ने बताया कि 20 नवंबर तक आए प्रस्तावों को कंपाइल कर जरूरत के हिसाब से उन्हें कैबिनेट में रखा जाएगा।

बैठक में प्रदेश के राईस मिलर्स को अहम राहत
मिल सकती है। प्रदेश के क़रीब 1900 राईस
मिलर्स में बहुतायत पर पैनल्टी लगी हुई है और
यह राशि डेढ़ सौ करोड़ के लगभग है। राईस
मिलर्स इस पैनल्टी को लेकर राज्य सरकार से
लगातार आग्रह करते रहे हैं, प्रभावशाली राईस
मिलर्स एसोसिएशन का इस मसले पर तर्क भी
राज्य सरकार को पेशोपेश में डालते रहा है।

मिलर्स पर पैनाल्टी तब लगती है जबकि मिलर्स
डीओ के अनुरुप व्यवहार नहीं कर पाते। मिलर्स
को धान का उठाव करना है, और चावल को
गोदाम पहुँचाना है। पर दोनों ही मौकों पर मिलर्स
का तर्क यह होता है कि व्यवस्थागत चूक की
वजह से कई बार धान का उठाव नहीं हो पाता है
और गोदाम ही यदि ख़ाली नहीं मिलेगा तो मिलर
चावल को जमा कहाँ करेगा।

राईस मिलर्स पर अभी क़रीब डेढ़ सौ करोड़ की
पैनाल्टी लगी हुई है। लेकिन राईस मिलर तथ्यों के
साथ सहमत करने में सफल हो गए हैं कि पैनाल्टी
में दोष राईस मिलर्स का नहीं है।

खबरें हैं कि कैबिनेट की बैठक में पैनाल्टी माफ़
करने का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। बहुत ज़्यादा
संभावना है कि कैबिनेट से इस प्रस्ताव को मंजूरी
मिल जाए।

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