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अभिनेता से नेता बनकर भाजपा का दामन थामा यश दासगुप्ता, चुनाव लड़ने को तैयार पर अंतिम निर्णय पार्टी पर छोड़ा

कोलकाता, 21 फरवरी। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां कमर कस चुकी है। इसी सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के तमाम नेता bjp में शामिल हो रहे हैं। वहीं, एक्टर यश दासगुप्ता ने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली है। उन्होंने पार्टी में शामिल होते ही कहा कि वह पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने अंतिम निर्णय पार्टी पर छोड़ दिया है।

यश दासगुप्ता से विशेष बातचीत

यश दासगुप्ता ने कहा कि मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं, लेकिन इस पर अंतिम फैसला पार्टी ही लेगी। उन्होंने कहा कि अगर हम राज्य और देश में बदलाव लाना है तो ऐसे सिस्टम से बाहर रहकर कुछ भी नहीं कर सकते। दासगुप्ता ने कहा कि हमें सिस्टम में रहना ही होगा। यश दासगुप्ता ने कहा कि चुनाव में शामिल होने का यह सही समय है। अभिनेता से राजनेता बने यश दासगुप्ता ने कहा कि राज्य में बेरोजगारी है।

विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा में शामिल होने के सवाल पर यश दासगुप्ता ने कहा कि मुझे लगता है, परिवर्तन लाने की पहल करने, राजनीति में शामिल होने का यह सही समय है।

तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत के साथ अपनी दोस्ती से जुड़े सवाल पर यश ने कहा कि दोनों अपने-अपने तरीकों से योगदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि सभी लोग हमेशा एक रास्ते पर ही चलें।

सीएम ममता बनर्जी के साथ कई मौकों पर पदयात्रा व अन्य अवसरों पर देखे जाने को लेकर यश ने कहा कि वे कभी तृणमूल कांग्रेस में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री की ओर से होने वाले आयोजन में वे कई बार ममता दीदी के साथ देखे गए।

एक्टर यश दासगुप्ता ने कहा कि बंगाल में कोई भी नौकरी नहीं है। युवा रोजगार के लिए दूसरे राज्य का पलायन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन्हीं सब के चलते बंगाल अन्य राज्यों से पीछे है। दासगुप्ता ने कहा कि वह काम और राजनीति के बीच संतुलन बनाए रखेंगे। इसके लिए कोई कोई समस्या नहीं होगी।

भाजपा की ओर से मिले कोई विशेष संदेश को लेकर एक सवाल के जवाब में यश ने कहा हाल ही में वे अमित शाह से मिले थे। उन्होंने मुझसे कहा कि डरने की कोई बात नहीं है और मैं स्वतंत्र रूप से काम कर सकता हूं।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव इसी साल होने वाले हैं।

2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में, सत्तारूढ़ टीएमसी ने 211 सीटें हासिल कीं और भाजपा ने 3 सीटें जीतीं थी। 294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा में कांग्रेस 44 सीटें जीतने में सफल रही थी, जबकि वाम मोर्चा को 33 सीटें मिली थीं।

गौरतलब है कि 2019 के आम चुनावों में 18 लोकसभा सीटें हासिल करने के बाद भाजपा राज्य में एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरी है।

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