High-Profile Prisoners: Big news…jail video goes viral! Serious questions about security…high-profile prisoners' use of mobile phones and televisions causes uproar…watch the video hereHigh-Profile Prisoners

बेंगलुरु, 09 नवंबर। High-Profile Prisoners : बेंगलुरु की परप्पना अग्रहारा सेंट्रल जेल से सामने आए एक वीडियो ने एक बार फिर जेल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वायरल वीडियो में हाई-प्रोफाइल कैदी मोबाइल फोन चलाते और अपनी कोठरियों में टीवी देखते नजर आ रहे हैं।

वीडियो के सामने आने के बाद कर्नाटक जेल प्रशासन ने तत्काल जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने कहा है कि फुटेज की प्रामाणिकता की जांच की जा रही है और यदि इसमें किसी भी कर्मचारी या अधिकारी की लापरवाही साबित हुई, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ISIS भर्ती आरोपी और सीरियल किलर नजर आए वीडियो में

इस वायरल वीडियो में दो कुख्यात कैदी दिखाई दे रहे हैं, जुहाद हामिद शकील मन्ना, जो आतंकी संगठन आईएसआईएस में भर्ती कराने के आरोप में जेल में बंद है और उमेश रेड्डी, जो एक सीरियल रेपिस्ट और हत्यारा है।

वीडियो में उमेश रेड्डी को अपनी कोठरी में टीवी देखते हुए और जुहाद मन्ना को मोबाइल फोन इस्तेमाल करते देखा गया है। इन दृश्यों ने जेल में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की अवैध उपलब्धता और कैदियों को मिल रही वीआईपी सुविधाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

लापरवाहों पर गिरेगी गाज

बेंगलुरु जेल प्रशासन ने कहा है कि वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि, यदि यह वीडियो हालिया है और किसी स्टाफ की मिलीभगत सामने आती है, तो कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, यह भी जांच की जा रही है कि कैदियों के पास मोबाइल फोन कैसे पहुंचे और क्या जेल सुरक्षा कर्मियों की संलिप्तता रही है।

पुराने वीडियो भी बने थे विवाद का कारण

यह पहला मामला नहीं है जब परप्पना अग्रहारा जेल का ऐसा वीडियो सामने आया हो। अक्टूबर 2025 में भी एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुख्यात अपराधी श्रीनिवास उर्फ गुब्बाची सेना को जेल के अंदर जन्मदिन मनाते हुए देखा गया था। उस वीडियो में श्रीनिवास केक काटते, सेब की माला पहने और साथियों के साथ जश्न मनाते दिखा था।

इन लगातार घटनाओं ने राज्य की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली इस जेल की सुरक्षा और निगरानी प्रणाली पर गंभीर संदेह खड़ा कर दिया है।

सवालों के घेरे में जेल प्रशासन

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे वीडियो यह दर्शाते हैं कि जेल के अंदर माफिया नेटवर्क और प्रभावशाली कैदियों का दबदबा अब भी कायम है। आलोचकों का कहना है कि यदि जेल में बंद आतंक और हत्या के आरोपियों को भी मोबाइल, टीवी और जश्न मनाने की छूट मिल रही है, तो यह पूरे कारागार तंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।

सरकार की प्रतिक्रिया

कर्नाटक गृह विभाग ने इस घटना को गंभीर सुरक्षा उल्लंघन बताया है। विभाग के सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि जेल के भीतर सुरक्षा ऑडिट कराया जाएगा और सर्विलांस सिस्टम को आधुनिक तकनीक से अपडेट करने पर विचार चल रहा है।

परप्पना अग्रहारा जेल (High-Profile Prisoners) से जुड़े इस नए वीडियो ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या देश की हाई-सिक्योरिटी जेलें वास्तव में ‘सुरक्षित’ हैं, या फिर कैदियों की पहुंच और प्रभाव ने कानून और व्यवस्था की दीवारों को भी कमजोर कर दिया है।

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