सुकमा, 27 नवम्बर। IED Blast : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में गुरुवार को IED ब्लास्ट में डिस्ट्रिक्ट फोर्स की महिला कांस्टेबल मुचाकी दुर्गा गंभीर रूप से घायल हो गईं। यह घटना केरलापाल पुलिस स्टेशन क्षेत्र के पास तब हुई जब DRG और डिस्ट्रिक्ट फोर्स की संयुक्त टीम एरिया डोमिनेशन ऑपरेशन के तहत पहाड़ी जंगलों की ओर आगे बढ़ रही थी।
प्रेशर इम्प्रूवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस के संपर्क में आई
संयुक्त टीम जिस जंगली पहाड़ी इलाके में पहुंची, वहां नक्सलियों द्वारा दबाया गया एक प्रेशर इम्प्रूवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) सक्रिय अवस्था में था। महिला कांस्टेबल मुचाकी दुर्गा अनजाने में इस IED के संपर्क में आ गईं और विस्फोट हो गया। उनके बाएं पैर में गंभीर चोटें आईं।
घटनास्थल पर तत्काल प्राथमिक उपचार किया गया और बेहतर इलाज के लिए उन्हें रायपुर एयरलिफ्ट किया गया। उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है, लेकिन चोट गंभीर है। मेडिकल टीम लगातार निगरानी में उन्हें रखे हुए है।
सुरक्षा चुनौती
बस्तर का यह इलाका वर्षों से नक्सली हमलों का गढ़ रहा है। सुरक्षा बलों की पेट्रोलिंग के दौरान IED ब्लास्ट आम घटना बन गई है। माओवादी आमतौर पर सड़कें, कच्ची पगडंडियां, नदी किनारे और जंगलों में प्रेशर IED लगाकर सुरक्षा बलों और ग्रामीणों को नुकसान पहुँचाते हैं। इस साल 9 जून को भी सुकमा में IED ब्लास्ट में एक पुलिस अफसर की मौत हो गई थी।
एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस आकाश राव गिरेपुंजे भी इस विस्फोट का शिकार हुए और अन्य अधिकारी भी घायल हुए।
आगे की चुनौती
केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद (IED Blast) से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन सुकमा और आसपास के इलाकों में लगातार हो रहे ऐसे हमले दिखाते हैं कि जंगलों में खतरा अभी भी गंभीर है और सुरक्षा बलों की चुनौती बनी हुई है।

