राष्ट्रीय

क्या सुशील कुमार से छिनेगा खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड, खेल मंत्रालय ने दिया बयान

नई दिल्ली, 24 मई। सुशील कुमार को पद्मश्री, राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार और अर्जुन पुरस्कार मिल चुके हैं। कुछ लोग इन सम्मान को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि सुशील को हत्या के मामले में आरोपी घोषित किया गया है और उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन खेल मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जब तक कोई अदालत से दोषी नहीं ठहराया जाता तब तक अवॉर्ड वापस नहीं लिए जा सकता है।

सुशील स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआइ) का अध्यक्ष भी है। हालांकि, अभी खेल मंत्रालय ने हालिया चुनावों को मान्यता नहीं दी है। सुशील के फंसने के बाद अब उसकी संभावनाएं भी नगण्य हो गई है। भारतीय कुश्ती महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर पहले ही कह चुके हैं कि इस प्रकरण से कुश्ती की छवि खराब हुई है।

पदक पर पदक

सुशील जब 14 साल का था तब वह दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में आ गया था और कोच सतपाल सिंह के मार्गदर्शन में अपनी पहलवानी करने लगा। 1998 में उसने जब विश्व कैडेट गेम्स में स्वर्ण पदक जीता तो फिर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप, एशियन चैंपियनशिप, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक ये बड़े टूर्नामेंट हैं जहां सुशील ने पदक जीते हैं। बस एशियन गेम्स और ओलंपिक ही ऐसे खेल हैं जहां वह स्वर्ण पदक नहीं जीत पाया। सुशील कुश्ती में भारत का एकमात्र विश्व चैंपियन और राष्ट्रमंडल खेलों के तीन बार का स्वर्ण पदक विजेता है।

सबको नहीं मिलता सब कुछ

जमैका के फर्राटा धावक उसेन बोल्ट ने अपने करियर की 100 मीटर, 200 मीटर और चार गुणा 100 मीटर रिले को मिलाकर ओलंपिक में आठ स्वर्ण पदक जीते थे। जब वह टै्रक पर उतरते थे तो सभी को यही पता था कि यह रेस तो बोल्ट ही जीतेंगे, लेकिन उन्हें भी किस्मत ने सब कुछ नहीं दिया। जब वह 2017 विश्व चैपियनशिप में अपनी आखिरी रेस दौड़ रहे थे तो उसे पूरी तक नहीं कर पाए और दौड़ते वक्त पैर में चोट के कारण ही गिर पड़े। ऐसी ही कहानी सुशील की है जो ओलंपिक में अपने स्वर्ण जीतने की चाह के कारण पिछले कुछ वर्षो से विवादों में ही रहा।

अशुभ रहा 74 किग्रा

सुशील जब 66 किग्रा भार वर्ग में खेल रहा था तब वह पदक पर पदक जीत रहा था, लेकिन जैसे ही उसने 74 किग्रा भार वर्ग में खेलना शुरू किया, उसका समय खराब हो गया। उसने अपने दोनों ओलंपिक पदक भी 66 किग्रा में ही जीते थे।

सुशील की उपलब्धियां

– 2008 बीजिंग ओलंपिक में सुशील ने कांस्य पदक जीता था

-2012 लंदन ओलंपिक में सुशील ने अपने पदक का रंग बदलते हुए रजत जीता।

– 2010 मास्को विश्व चैंपियनशिप में सुशील ने स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था

-2010 दिल्ली, 2014 ग्लास्गो और 2018 गोल्ड कोस्ट में सुशील ने स्वर्ण पदक जीतकर कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण जीतने की हैट्रिक लगाई

-2006 दोहा एशियन गेम्स में सुशील कांस्य पदक ही जीत पाया था

– 06 स्वर्ण और एक कांस्य पदक सुशील ने कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में अपने नाम किए

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