छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़ में सभी स्कूली कक्षाएं कल से होगी संचालित, निर्देश जारी

रायपुर, 1 सितंबर। करीब डेढ़ वर्ष बाद छत्तीसगढ़ में अब स्कूल पूरी तरह से खोलने की तैयारी हो चुकी है। इसके पूर्व 2 अगस्त को राज्य सरकार ने पहली से पांचवीं, आठवीं और दसवीं तथा बारहवीं की कक्षाएं लगाने का निर्णय लिया था और अब 2 सितंबर से 6वीं और 7वीं तथा नवमीं और ग्यारहवीं की कक्षाएं संचालित होगी। इन कक्षाओं के संचालन की अनुमति बुधवार जारी कर दी गई।

निर्बाध चल रही है क्लासेस

अब प्रदेश में कोरोना का असर धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. संक्रमण दर भी एक प्रतिशत से भी कम हो गई है। यही वजह है कि बाकी स्कूलों को खोलने का फैसला लिया गया। एक माह पूर्व शुरू हुई कुछ कक्षाएं अब भी निर्बाध रूप से चल रही हैं। इनमें बच्चों की उपस्थिति भी अच्छी होती है।

यही कारण है कि छठी, सातवीं, नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा भी शुरू करने के लिए सरकार से अनुमति लेने के लिए नोटशीट चलाई गईं। डीपीआई डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कहा कि अनुमति मिलते ही एसओपी के अनुसार पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह से शालाओं का संचालन हो रहा है। अंदरूनी इलाकों व गांव में प्राइमरी व मिडिल स्कूलों को किताबें, भोजन व दूसरी सुविधाएं देने खोले गए हैं। ट्राइबल हास्टल, आंगनबाडिय़ों को खोल दिया गया है, ताकि बच्चों को पौष्टिक भोजन मिलता रहे।

कई कक्षाएं एक महीने से चल रहीं, कोई दिक्कत नहीं

प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला ने कहा कि, कुछ कक्षाओं को शुरू हुए हैं जो एक माह से संचालित किये जा रहे है। कहीं से कोई दिक्कत नहीं आई है, सब ठीक है। इसे देखते हुए हमने छठी, सातवीं, नौवीं और 11वीं की कक्षाएं शुरू करने की अनुमति मांगी थी, जो अब मिलने के बाद शुरू की जाएगी।

प्रदेशभर में है इतने स्कूल-शिक्षक और विद्यार्थी

  • प्राइमरी स्कूल- 16,393, शिक्षक- 94565 और विद्यार्थी- 26,51,484
  • मिडिल स्कूल- 16,393, शिक्षक- 78,702 और विद्यार्थी- 14,81,382
  • हाईस्कूल- 2726, शिक्षक- 21,358 और विद्यार्थी- 9,43,808
  • हायर सेकेंडरी- 4469, शिक्षक- 74,170 और विद्यार्थी- 6,00530

ये एसओपी लागू है

  • कोविड फ्री ग्राम पंचायतों को प्राइमरी स्कूल खोलने का अधिकार।
  • दो गज दूरी बनाकर रखना, मास्क की अनिवार्यता।
  • स्कूलों में 50 प्रतिशत उपस्थिति।
  • हाजिरी की अनिवार्यता नहीं, शिक्षकों व स्टाफ के लिए वैक्सीनेशन कैंपेन।
  • स्कूलों का सेनिटाइजेशन, बच्चों व शिक्षकों से स्कूल में लगातार हाथ धुलवाना आदि।
  • ऐसी ग्राम पंचायतें जो कोविड फ्री हैं, वहां पालकों की अनुमति से आठवीं से बारहवीं तक क्लासें खोलना।
  • यदि मरीज मिला तो स्कूल बंद करना।
  • सरकारी स्कूल काफी बड़े हैं, उनमें 50 प्रतिशत उपस्थित रहते हैं।
  • इससे विद्यार्थी आसानी से डिस्टेंस बना सकेंगे।
  • जिस स्कूलों में दर्ज संख्या कम है, वहां एक पाली में पढ़ाई कराना।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button