नई दिल्ली

Karur Rally : ब्रेकिंग न्यूज़…! अस्पताल में मासूमों के शव देखकर भावुक हुए शिक्षा मंत्री…फूट-फूटकर रोने लगे…सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल Video यहां देखें

नई दिल्ली, 28 सितंबर। Karur Rally : तमिलनाडु के करूर में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। इस हादसे में करीब 40 लोगों की मौत हो गई है। इस हृदयविदारक हादसे के बाद आज जब राज्य के शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी अस्पताल पहुंचे, तो वहां का वज्र सन्नाटा और मासूमों के शवों की झलक देखकर वे खुद को रोक नहीं पाए और भावुक होकर फफक पड़े।

बता दें कि, तमिलनाडु के करूर जिले में एक्टर विजय की रैली में भगदड़ से इतने लोगों की मौत हो गई। वहीं, 51 लोग अब भी आईसीयू में भर्ती हैं। इसी बीच, तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी जब करूर के अस्पताल पहुंचे, तो भगदड़ में मारे गए बच्चों और कुछ लोगों के शव देखकर फूट-फूटकर रोने लगे।

इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पाध्यामोझी ने कहा, इन लोगों (थलपति विजय) से बार-बार शर्तों का पालन करने को कहा गया था। लेकिन, शर्तों का पालन नहीं किया गया। ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए। वहीं, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने घटना पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने घटना की समीक्षा के लिए सचिवालय में अधिकारियों की मीटिंग बुलाई है। साथ ही उन्होंने घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की है।

रैली में सात घंटे देरी से पहुंचे थे हीरो

तमिलनाडु के डीजीपी जी. वेंकटरमन ने कहा है कि विजय के रैली में पहुंचने में सात घंटे की देरी के कारण लोगों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई। वेंकटरमन ने कहा कि आयोजकों ने 10000 लोगों के आने की उम्मीद जताई थी, लेकिन लगभग 27,000 लोग ही आए। उन्होंने बताया कि रैली के लिए 500 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। वेंकटरमन ने कहा, टीवीके की पिछली रैलियों में भीड़ कम होती थी, लेकिन इस बार अपेक्षा से कहीं ज्यादा भीड़ थी।

उन्होंने कहा, दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे के बीच इजाजत मांगी (Karur Rally) गई थी। टीवीके के द्विटर अकाउंट पर कहा गया था कि वह 12 बजे आएंगे और भीड़ सुबह 11 बजे से ही आनी शुरू हो गई थी। वह शाम 7.40 बजे आए। तपती धूप में लोगों के पास खाना और पानी नहीं था। उन्होंने आगे कहा, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि भगदड़ की असली वजह क्या थी।

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