Kashmir Times Newspaper: Big news...! SIA raids newspaper office... Weapon cartridges and grenade pins recovered.Kashmir Times Newspaper

जम्मू/श्रीनगर, 20 नवंबर। Kashmir Times Newspaper : जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने गुरुवार को कश्मीर टाइम्स अखबार के जम्मू स्थित दफ्तर में बड़ी कार्रवाई करते हुए छापेमारी की। इस दौरान SIA को दफ्तर से AK राइफल के कारतूस, पिस्तौल की गोलियां और हैंड ग्रेनेड के पिन मिले हैं। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई अखबार और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ देश-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में दर्ज मामले जुड़े जांच का हिस्सा है।

दफ्तर की कंप्लीट तलाशी, प्रमोटर्स से जल्द पूछताछ संभव

SIA की टीमों ने अखबार के कार्यालय में मौजूद कंप्यूटर, दस्तावेज और सभी केबिनों की बारीकी से तलाशी ली। एजेंसी का कहना है कि जांच आगे बढ़ने के साथ कश्मीर टाइम्स के प्रमोटर्स से पूछताछ भी की जा सकती है।

जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर सिंह चौधरी ने कहा,अगर कुछ गलत सामने आया है तो कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन अगर यह केवल दबाव बनाने के लिए किया गया है, तो यह गलत है।

कश्मीर टाइम्स ने सरकार पर लगाया पत्रकारिता दबाने का आरोप

संपादक अनुराधा भसीन जामवाल और प्रबोध जामवाल ने संयुक्त बयान जारी कर छापे की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, यह स्वतंत्र पत्रकारिता को चुप कराने की सुनियोजित कोशिश है। सरकार की आलोचना करना देश-विरोधी होना नहीं। हमारे खिलाफ आरोप डराने, बदनाम करने और खामोश करने के लिए गढ़े गए हैं। हम चुप नहीं रहेंगे। उन्होंने इन आरोपों को तुरंत वापस लेने की मांग की और मीडिया तथा नागरिक समाज से एकजुटता की अपील की।

PDP नेता इल्तिजा मुफ्ती की कड़ी प्रतिक्रिया

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने इस कार्रवाई को ‘बेतुका’ बताया और कहा, कश्मीर टाइम्स उन चुनिंदा अखबारों में है जो सत्ता को आईना दिखाता रहा है। देश-विरोधी गतिविधियों के नाम पर छापा मारना सरासर दादागीरी है। कश्मीर में सच बोलने वाले हर माध्यम को देश-विरोधी बता कर उसका गला घोंटा जा रहा है। क्या हम सब देश-विरोधी हैं?

जांच जारी, पत्रकारिता जगत की नजर

SIA की इस छापेमारी ने घाटी के राजनीतिक हलकों, मीडिया संगठनों और नागरिक समाज में हलचल पैदा कर दी है। जहां एजेंसी इसे देश-विरोधी गतिविधियों से जुड़े मामले का हिस्सा मान रही है, वहीं संपादक और कई राजनीतिक दल इसे सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया संस्थानों को निशाना बनाने की कार्रवाई बता रहे हैं। जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

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