रायपुर, 17 अप्रैल। Khairagarh Election Result : खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं. इसमें केवल दो दल कांग्रेस और भाजपा ही सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी बने रहे, लेकिन इसके अलावा 8 और उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी।
इन सबमें सबसे बुरा हाल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (JCCJ) के प्रत्याशी का रहा। लाखों की आबादी वाले राज्य में उन्हें सिर्फ 1 हजार 208 लोगों का वोट मिला है। यानी जनता ने उनसे ज्यादा NOTA और निर्दलीय पर अधिक भरोसा जताया।
कौन सी पार्टी किस नंबर पर
खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए 12 अप्रैल को मतदान हुआ था। इसमें कुल 2 लाख 11 हजार 516 को वोट डालना था। लेकिन 78.39% लोग ही मतदान के लिए पहुंचे। यानी 1 लाख 65 हजार 407 लोगों ने ही इस चुनाव में वोट डाला था।
इनमें से कांग्रेस उम्मीदवार यशोदा वर्मा (Khairagarh Election Result) के पक्ष में 87 हजार 640 वोट पड़े।
भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल को 67 हजार 481 लोगों ने वोट डाला।
उसके बाद सबसे अधिक 2 हजार 607 वोट NOTA को पड़े हैं। यानी इस उप चुनाव में NOTA तीसरे नंबर पर रहा।
चौथे स्थान पर फाॅरवर्ड डेमोक्रिटिक लेबर पार्टी (FDLP) के चूरन (विप्लव साहू) रहे। उनको 2 हजार 408 मतदाताओं का समर्थन मिला।
वहीं निर्दलीय उम्मीदवार नितिन कुमार भांडेकर को भी एक हजार 409 वोट मिल गए।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (JCCJ) के उम्मीदवार नरेंद्र सोनी को केवल 1 हजार 208 वोट मिले हैं।
यहां शेष पांच उम्मीदवारों को 1 हजार से भी कम वोट से संतोष करना पड़ा है।
2018 में वोट शेयर के साथ जीती थी JCCJ
छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए 2018 में हुए आम चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (JCCJ) ने देवव्रत सिंह को मैदान में उतारा था। खुद के जनाधार और JCCJ और BSP के संगठन की मदद से देवव्रत सिंह को 61 हजार 576 वोट मिले थे। यह कुल पड़े वोटों का 36% था। भाजपा उम्मीदवार कोमल जंघेल उस चुनाव में दूसरे स्थान पर आए। उन्हें 60 हजार 646 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस के सीटिंग विधायक गिरवर जंघेल तीसरे स्थान पर खिसक गए थे।
अमित जोगी ने कहा, परिणामों पर आत्मचिंतन करेंगे
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (Khairagarh Election Result) के अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा, इस चुनाव में जनता ने नये जिले और राजा देवव्रत सिंह के सम्मान के उनके उठाए मुद्दों पर ही मोहर लगाई है। यह हमारी नैतिक जीत है। चुनाव परिणाम ऐसे क्यों आए उसपर हम आत्मचिंतन करेंगे। अमित जोगी ने कहा, इस चुनाव के बहाने उनकी पार्टी की एकता फिर से कायम हुई है। उनका विधायक दल आज एक है। इसी एकता के साथ हम लोग 2023 के विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत से जनता के बीच जाएंगे।