Loan and EMI relief: RBI may make loans cheaper on December 5th... EMIs could fall significantly.Loan and EMI

नई दिल्ली, 30 नवंबर। Loan and EMI : दिसंबर का महीना देश में कई बड़े बदलावों के साथ शुरू होने जा रहा है। वहीं होम लोन और ऑटो लोन लेने वालों के लिए भी राहत की उम्मीद बढ़ गई है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) महंगाई के कम दबाव को देखते हुए रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की कटौती कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो EMI में कमी आएगी और लाखों उधारकर्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा।

5 दिसंबर को होगा RBI का बड़ा निर्णय

आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक 3 दिसंबर से शुरू होगी और 5 दिसंबर, शुक्रवार को सुबह 10 बजे RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा पॉलिसी फैसलों की घोषणा करेंगे। इस दौरान रेपो रेट सहित कई महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णय लिए जाएंगे, जिनका सीधा असर आम उपभोक्ता, उद्योगों और बैंकिंग सेक्टर पर पड़ेगा।

घटकर 5.25% हो सकता है रेपो रेट

फिलहाल रेपो रेट 5.5% है। पिछले साल फरवरी से अगस्त तक RBI ने कुल 100 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी, लेकिन अगस्त के बाद रेट-ईजिंग रोक दी गई थी।

अब आर्थिक संकेतों को देखते हुए एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि RBI इस बार 25 BPS की और कटौती कर सकता है।
अगर ऐसा होता है, तो रेपो रेट घटकर 5.25% हो जाएगा, जिससे, होम लोन की EMI कम, ऑटो लोन सस्ते, MSME सेक्टर को राहत, मार्केट में निवेश और कैश फ्लो में बढ़ोतरी जैसी स्थितियां बनेंगी।

महंगाई काबू में, इसलिए बढ़ी उम्मीदें

कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित हेडलाइन रिटेल महंगाई पिछले दो महीनों से सरकार द्वारा तय 2% के लो-लेवल से नीचे बनी हुई है। खाद्य महंगाई में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली है। इसी कारण एक्सपर्ट्स का मानना है कि RBI को रेट कट का पर्याप्त स्पेस मिला है।

हालाँकि कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि, GDP का 8.2% मजबूत ग्रोथ, फिस्कल कंसोलिडेशन, पब्लिक इन्वेस्टमेंट में बढ़ोतरी, GST में कमी का सकारात्मक असर को देखते हुए RBI सावधानीपूर्वक रुख भी अपना सकता है।

क्रेडिट एजेंसियों और बैंकों की भी राय

क्रिसिल के चीफ इकोनॉमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि हेडलाइन महंगाई के नीचे जाने की मुख्य वजह खाद्य महंगाई का कम होना है। ताकि GST कटौती ने कोर महंगाई को 2.6% तक नीचे लाने में मदद की है। उनके अनुसार, दिसंबर में 25 बेसिस पॉइंट रेट कट की पूरी उम्मीद है। HDFC बैंक की रिपोर्ट में भी 25 BPS कटौती की संभावना जताई गई है।

वहीं SBI इकोनॉमिक रिसर्च विभाग का मानना है कि मजबूत GDP ग्रोथ और स्थिर महंगाई के कारण RBI रेट कट करने से परहेज कर सकता है।

बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा कि यह फैसला बेहद “करीबी और संतुलित” होगा, और संभव है कि नीति दरों में कोई बदलाव न हो।

अब सभी की निगाहें 5 दिसंबर पर

अब आम लोगों, उद्योग जगत, लोन लेने वालों और बैंकिंग सेक्टर (Loan and EMI) सभी की निगाहें 5 दिसंबर की सुबह होंगी। क्या RBI रेपो रेट घटाकर राहत देगा या मौजूदा दरें ही बरकरार रखेगा यह देखना बेहद महत्वपूर्ण होगा।

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