Maoist Leader Bhupati: Breaking News... A message from Maoist leader Bhupati... An appeal to comrades hiding in the jungles to surrender their weapons... These are the numbers provided for contact... Listen to the video message here.Maoist Leader Bhupati

रायपुर/गढ़चिरौली, 19 नवंबर। Maoist Leader Bhupati : छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के जंगलों में लंबे समय तक माओवादी आंदोलन के वरिष्ठ नेता रहे मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति (69) ने पहली बार सार्वजनिक रूप से अपने विचार साझा किए हैं। शुक्रवार को जारी किए गए 5 मिनट के वीडियो संदेश में भूपति ने जंगलों में छिपे माओवादी साथियों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की जोरदार अपील की।

भूपति ने वीडियो में कहा कि असफल सशस्त्र संघर्ष के कारण माओवादी जनता से अलग-थलग पड़ गए हैं और उनका पतन शुरू हो चुका है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब समय बदल गया है और साथियों को शांति से जनता की सेवा में लौटना चाहिए।

आत्मसमर्पण और संदेश

भूपति ने 15 अक्टूबर को गढ़चिरौली में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने 60 कार्यकर्ताओं के साथ आत्मसमर्पण किया था। इस घटना के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक संदेश है। वीडियो में उन्होंने अपने पूर्व साथियों से कहा कि वे मोबाइल नंबरों के माध्यम से उनसे या अन्य वरिष्ठ आत्मसमर्पित नेता सतीश से संपर्क कर सकते हैं, ताकि वे आंदोलन छोड़ने और मुख्यधारा में लौटने में मदद कर सकें।

भूपति ने कहा, हमारा मुख्यधारा में लौटना बदलते परिदृश्य का प्रतीक है। इस सशस्त्र संघर्ष में हमने कई साथियों को खो दिया, और अब हमें शांति और समाज की भलाई के लिए लौटना चाहिए।

साथियों को मदद करने की अपील

भूपति ने अपने साथियों से कहा कि अब हथियार डालकर शांतिपूर्ण समाज में काम करना ही विकल्प है। उन्होंने बताया कि 16 सितंबर को पहली बार उन्होंने हथियार छोड़ने की बात कही थी, और इसके बाद गढ़चिरौली, माध (अबूझमाड़ संभाग) और पूर्वी बस्तर में कई साथियों ने भी इसी तरह का संदेश दिया।

माओवादी केंद्रीय समिति के आरोपों का खंडन

पिछले हफ़्ते माओवादी केंद्रीय समिति ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भूपति और उनके साथियों पर सुख-सुविधाओं के लिए आंदोलन छोड़ने का आरोप लगाया था और उन्हें देशद्रोही करार दिया था। भूपति ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके फैसले के बारे में शांति से सोचें।

भूपति के आंदोलन छोड़ने के बाद छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी सामूहिक आत्मसमर्पण हुआ, जिसमें रूपेश समेत लगभग 210 माओवादियों ने हथियार डाल दिए।

भूपति का संदेश स्पष्ट है, समय बदल चुका है, हथियार डालकर जनता की भलाई में काम करें। जो अभी भी हिंसक रास्ते पर हैं, उन्हें मुख्यधारा में लौटना चाहिए। हम मदद के लिए तैयार हैं। यह कदम माओवादी संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है और क्षेत्र में शांति की दिशा में बड़ा संदेश देता है।

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