छत्तीसगढ

नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की पहल, आत्म समर्पित 58 नक्सलियों का बना आयुष्मान कार्ड

रायपुर, 2 अगस्त। वर्ष 2004 में छत्तीसगढ़ की तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने ‘नक्सल पीड़ित पुनर्वास योजना’ शुरू की और नक्सल पीड़ितों व उनके परिवारों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और पुनर्वास की बात कही। भूपेश सरकार इसे धीरे-धीरे पूरा करती दिख रही है। नक्सलियों के सरेंडर करने में स्थानीय प्रशासन के प्रयासों की अहम भूमिका रही है।

नक्सली लगातार आत्म समर्पण कर समाज की मुख्य धारा में लौट रहें है। अब भूपेश सरकार भी इन आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए तरह-तरह के प्रयास करती नजर आ रही है। इसी दिशा में एक बड़ी पहल दन्तेवाड़ा जिले में हुई है। जहां अभी तक 58 आत्म समर्पित नक्सलियों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका हैं।

लोन वर्राटू से लौटे नक्सली

बस्तर संभाग को नक्सल मुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस दिशा में की गई पहल के परिणाम भी लगातार दिखाई दे रहे हैं। बस्तर संभाग का एक बड़ा इलाका भी लगभग नक्सल मुक्त हो गया है। इसके लिए राज्य सरकार लोन वर्राटू अभियान चला रही है। इसके तहत् आत्म समर्पित नक्सलियों को सभी शासकीय योजनों से जोड़ा जा रहा है। इसके तहत आत्म समर्पित नक्सलियों को सभी सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। ऐसा करके राज्य सरकार इन आत्म समर्पित नक्सलियों को पूरी तरह से समाज की मुख्य धारा में शामिल करने का प्रयास कर रही है और नक्सल मुक्त कर बस्तर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का प्रयास कर रही है।

Samarpit Naxali: Ayushman card made of 58 self-devoted Naxalites

स्वास्थ्य सहायता योजना में जोड़े गए 114 नक्सली

इसी तारतम्य में आत्म समर्पित 114 नक्सलियों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना से जोड़ा गया है। अभी तक 58 आत्म समर्पित नक्सलियों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है। बाकी 56 नक्सलियों का आयुष्मान कार्ड बनाये जाने की प्रक्रिया जारी है। यह पूरा अभियान पुलिस लाईन कॉर्ली डी.आर.जी. केम्प जिला दन्तेवाड़ा में चल रहा है।

कुआकोंडा क्षेत्र से है सभी आत्म समर्पित नक्सली

जिन आत्म समर्पित नक्सलियों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है। वे सभी कुआकोंडा क्षेत्र के है। आयुष्मान कार्ड बन जाने के बाद अब इन आत्म समर्पित नक्सलियों को इलाज संबंधी चिन्ता की आवश्यकता नहीं है। डॉ. खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य सहायता येाजना के माध्यम से उपचार के लिए 5 लाख तक की राशि व मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के माध्यम से दूर्लभ बीमारियों के लिए 20 लाख तक की उपचार के लिए आर्थिक मद्द उपलब्ध रहेंगी।

नक्सलियों के आत्मसमर्पण के मामले में आदर्श जिला बना दंतेवाड़ा

दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पण करने के लिए नक्सलियों की कतार लग गई है। तकरीबन हर रोज कोई न कोई नक्सली आत्मसमर्पण करने एसपी दफ्तर पहुंच रहा है। एसपी डाॅ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि पुलिस ने आत्मसमर्पण करने वाले सभी 381 नक्सलियों का सामाजिक आर्थिक सर्वे कराया तो पता चला कि इनमें से सिर्फ 32 के पास ही आधार कार्ड था। पुलिस ने सभी का आधार कार्ड बनवाया। उनके राशन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, जाब कार्ड, बैंक खाता खुलवाने समेत सभी काम पुलिस कर रही है। कई लोगों के लिए अटल आवास स्वीकृत कराए गए हैं। प्रधानमंत्री कृषि योजना से उन्हें जोड़ा गया है।

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