Naan Scam
रायपुर, 17 सितंबर। Naan Scam : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले (छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला) में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को राहत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने बिलासपुर हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) को निरस्त कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि दोनों अधिकारियों को दो सप्ताह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टडी और उसके बाद दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में रहना होगा। इसके बाद उन्हें जमानत दी जा सकती है।
क्या है मामला?
यह घोटाला वर्ष 2015 में उजागर हुआ था, जब छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में सैकड़ों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप सामने आया। इस मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला पर आरोप है कि इन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए घोटाले की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की।
इस मामले में बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं के तहत जांच शुरू की थी। ईडी ने दावा किया था कि दोनों अधिकारियों ने साक्ष्य को प्रभावित करने और जांच में बाधा डालने की कोशिश की है।
सुप्रीम कोर्ट ने दी सख्त हिदायत
शीर्ष अदालत ने स्पष्ट कहा है कि इस मामले की जांच को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाए, ताकि न्याय प्रक्रिया में देरी न हो। अदालत ने यह भी कहा कि इन अधिकारियों को जमानत तभी मिलेगी जब वे चार सप्ताह की कस्टडी पूरी करेंगे।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
इस फैसले (Naan Scam) के बाद छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है, क्योंकि ये दोनों अधिकारी लंबे समय तक सत्ता के महत्वपूर्ण केंद्रों में रहे हैं। नान घोटाले को लेकर पहले भी कई राजनीतिक बयानबाजियां और आरोप-प्रत्यारोप हो चुके हैं।
आगे क्या?
अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि ईडी चार हफ्तों की इस अवधि में जांच को किस दिशा में ले जाती है और क्या कोई नए खुलासे सामने आते हैं। साथ ही, राज्य की ब्यूरोक्रेसी और राजनीतिक नेतृत्व पर भी इस फैसले का असर पड़ सकता है।