Navratri Special: Keep the Tulsi plant in this direction of your home during Navratri...! It's considered a miraculous remedy for increasing wealth and prosperity.Navratri Special

रायपुर, 24 सितंबर। Navratri Special : नवरात्रि का पावन पर्व सिर्फ देवी पूजन का नहीं, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि बढ़ाने का भी उत्तम अवसर माना जाता है। वास्तु शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान तुलसी का पौधा सही दिशा में लगाना घर में धन, सुख और शांति लाने वाला माना जाता है।

तुलसी की सही दिशा तय करेगी घर का भाग्य

वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में तुलसी का पौधा लगाना सबसे शुभ माना जाता है। यदि यह संभव न हो, तो उत्तर या पूर्व दिशा भी उपयुक्त होती है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

वहीं दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा में तुलसी का पौधा लगाना वर्जित माना गया है, क्योंकि इससे घर में अशांति और आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती हैं।

नवरात्रि में करें तुलसी माता की विशेष पूजा

नवरात्र के नौ दिनों तक तुलसी के पौधे की नियमित पूजा करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है। इसके लिए, रोज़ सुबह तुलसी में जल अर्पित करें। हल्दी, रोली और कुमकुम से तुलसी माता को तिलक करें। तुलसी के सामने दीपक जलाना शुभ माना जाता है। विषम संख्या (जैसे 3 या 5) में दीपक जलाने से विशेष फल प्राप्त होता है।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • तुलसी के पास गंदगी न रखें, पौधे को हमेशा स्वच्छ बनाए रखें।
  • रात्रि में तुलसी से पत्तियाँ न तोड़ें।
  • एकादशी और रविवार के दिन तुलसी में जल न चढ़ाएं।
  • तुलसी को कभी भी अपवित्र अवस्था में न छुएं।

क्या वास्तव में बढ़ती है धन-दौलत?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी माता को विष्णु जी की प्रिय मानी जाती हैं और जहां तुलसी होती हैं, वहां देवी लक्ष्मी का वास भी होता है। वास्तु के अनुसार, यदि तुलसी का पौधा सही दिशा में लगाया जाए तो इससे घर की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, कलह दूर होते हैं और परिवार में शांति बनी रहती है।

इस नवरात्रि अगर आप भी जीवन में सुख, शांति और समृद्धि चाहते हैं, तो अपने घर में तुलसी का पौधा उत्तर-पूर्व दिशा में अवश्य लगाएं। न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी तुलसी वायु को शुद्ध करने वाला और मानसिक शांति देने वाला पौधा माना गया है।

यह जानकारी प्रचलित धार्मिक मान्यताओं और वास्तु शास्त्र (Navratri Special) पर आधारित है। पाठक स्वयं की श्रद्धा और विवेक अनुसार इसका पालन करें।

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