छत्तीसगढराज्य

Naxal Affected Areas : लोगों तक बैंक दीदीयां पहुंचा रही बैंक सुविधाएं

रायपुर, 14 जुलाई। Naxal Affected Areas : ऐसे गांव जहां बैंक सुविधाएं नहीं है, वहां लोगों को अपने आर्थिक लेनदेन के लिए कई परेशानियों से जूझना पड़ता है। इसमें समय के साथ ग्रामीणों को असुविधा भी होती है। इसे देखते हुए राज्य सरकार महिलाओं को बीसी सखी बनाकर ग्रामीणों को बैंक सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रही है। इससे दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में भी बैंक सुविधाओं की पहुंच हो गई है और महिलाएं बैंक दीदी के नाम से पहचानी जाने लगी है।

गांवों में 26.44 करोड़ रूपए का बैंकिंग लेनदेन कर कमाए 8.64 लाख रूपये

नक्सल प्रभावित जिले कोण्डागांव की 383 ग्राम पंचायतों में (Naxal Affected Areas) भी कुछ ऐसे गांव हैं, जहां अब तक बैंकिंग सुविधाओं का विकास नहीं हो सका है। बैंक सखियों के माध्यम से यहां न सिर्फ लोगों को राहत मिल रही है, बल्कि महिलाओं को अतिरिक्त आय प्राप्त होने से उनमें स्वाभिमान और आत्मविश्वास भी बढ़ा है।

ऐसी ही एक कहानी है बड़ेठेमली के आश्रित ग्राम मस्सूकोकोड़ा निवासी श्रीमती लता पाण्डे की। लता पाण्डे इस संबंध में बताती है कि बीसी सखी बनने से पहले उनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत तंग थी। किसी भी चीज की आवश्यकता होने पर महंगी ब्याज दरों पर बाजार से पैसा लेना पड़ता था, जिससे वे परेशान थे। इस दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान की टीम द्वारा गांव में आकर बिहान योजना के संबंध में जानकारी दी गई। जानकारी मिलने पर मेरे साथ गांव की अन्य महिलाओं ने मिलकर मां बम्लेश्वरी स्व-सहायता समूह का निर्माण किया।

समूह के साथ काम करने के दौरान ही लता को शिक्षित होने के कारण बीसी सखी के रूप में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। काम के पहले उन्हें जगदलपुर में प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद ग्राम संगठन द्वारा कम्प्यूटर सेट और अन्य सामग्रियां खरीदने के लिए उन्हें ऋण दिया गया और बिहान योजना के तहत बीसी सखी के रूप में काम करने की आईडी प्रदान की गई।

बैंक सखी बनकर लता ने बनाई अलग पहचान

लता ने बताया कि बीसी सखी बनकर मुझे गांव में रहकर लोगों तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाकर उनकी सेवा का अवसर मिला। मुझे अतिरिक्त आय भी होने लगी। इसने जो सम्मान और पहचान दी, मुझे आज तक प्राप्त नहीं हुई थी। अब लोग मुझे गांव में बैंक दीदी के रूप में जानते हैं। मेरे द्वारा अब तक कुल 26.44 करोड़ मूल्य के 25864 लेनदेन किये गये हैं। जिससे मुझे कमीशन के रूप में कुल 8.64 लाख रूपये प्राप्त हुए। मुझे हर माह कमीशन के रूप में 12 हजार के लगभग प्राप्त हो जाते हैं। यह सबकुछ बैंक सखी बनकर ही संभव हो सका है।

लता ने कहा कि बैंक सखी बनने के साथ अधिकारियों द्वारा मुझे आर्थिक स्थिति सुधार के लिए समूह में कार्य करने, पैसों की बचत एवं पंचसूत्र पालन के संबंध में भी जानकारी दी गई  इसके कारण अब मेरे सभी सपने पूरे हो रहे हैं। मेरे द्वारा अपने कॉम्प्लेक्स में फैंसी स्टोर और कपड़ा दुकान भी संचालित किया जा रहा है। जिससे मुझे अतिरिक्त 20 से 30 हजार तक आमदनी प्राप्त हो जाती है। लता ने सभी महिलाओं से कहा है कि सभी यदि (Naxal Affected Areas) मिलकर कार्य करें तो अपने साथ-साथ गांव एवं देश का भी विकास कर सकते हैं।

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