Operation London Bridge: महारानी एलिजाबेथ स्वस्थ लेकिन अंत्येष्टि कार्यक्रम हुआ सार्वजनिक
लंदन, 4 सितंबर। ब्रिटेन में वयोवृद्ध महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (95) के निधन के बाद की औपचारिकताओं के लिए प्रशासन ने जो योजना बनाई थी वह सार्वजनिक हो गई है। इसको लेकर सरकार की भारी फजीहत हो रही है। सरकार और प्रशासन को भी समझ नहीं आ रहा कि इसको लेकर वह किस तरह की सफाई दें और खेद प्रकट करें। इस पूरी योजना को आपरेशन लंदन ब्रिज नाम दिया गया है।
योजना के अनुसार ब्रिटिश साम्राज्य का सबसे लंबे समय तक नेतृत्व करने वाली महारानी को निधन के दस दिन बाद दफनाया जाएगा। इस बीच उनके पुत्र और उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स ब्रिटिश साम्राज्य के चार देशों (इंग्लैंड, नार्दर्न आयरलैंड, स्काटलैंड और वेल्स) का दौरा करेंगे। तीन दिन तक महारानी का पार्थिव शरीर लंदन स्थित ब्रिटिश संसद में रखा जाएगा जहां उन्हें देश-विदेश के प्रमुख लोग श्रद्धांजलि देंगे। यहां पर देश के नागरिकों को भी आने की अनुमति होगी। इस दौरान सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के लिए भी योजना तैयार की गई है। साथ ही लंदन में खाने-पीने के सामान की कमी न हो, इसके लिए अलग से योजना बनाई गई है।
राष्ट्रीय शोक और सार्वजनिक अवकाश तक का बन चुका है प्लान
ब्रिटिश साम्राज्य से लाखों लोग संवेदना व्यक्त करने और अंतिम यात्रा में भाग लेने के लिए लंदन आ सकते हैं, इनमें कई हजार प्रमुख लोग होंगे। दिवंगत महारानी के लिए लंदन के सेंट पाल गिरजाघर में प्रार्थना भी बेहद खास होगी और कई खास लोग उसमें शामिल होंगे। महारानी के निधन के दिन राष्ट्रीय शोक घोषित होगा और उस दिन सार्वजनिक अवकाश भी होगा।
अमेरिकी पत्रिका में पूरा प्लान लीक
महारानी के निधन वाले दिन को ‘डी डे’ कहा जाएगा और अंतिम संस्कार की तैयारियों से जुड़ी गतिविधियों को आपरेशन लंदन ब्रिज कहा जाएगा। इस योजना की जानकारी अमेरिका की पत्रिका पोलिटिको को मिली है। लेकिन महारानी के आधिकारिक आवास बकिंघम पैलेस ने इस तरह की किसी योजना से इनकार किया है।