PM Awaas: Badri's dream comes true with Pradhan Mantri Awas Yojana, gets a permanent housePM Awaas

रायपुर, 13 नवम्बर। PM Awaas : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला, जो घने जंगलों और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए जाना जाता है, अब विकास और बदलाव की नई कहानी लिख रहा है। यह कहानी है कोंटा विकासखंड के दूरस्थ ग्राम पंचायत मेहता की रहने वाली सुन्नम बद्री की, जिन्होंने सरकारी योजनाओं की मदद से अपने कच्चे झोपड़ी जैसे घर को एक सुंदर पक्के मकान में बदल दिया।

संघर्षों से भरा था जीवन

बद्री पहले मिट्टी और फूस से बनी झोपड़ी में अपने परिवार के साथ रहती थीं। बरसात के दिनों में छत टपकती थी और गर्मी में दीवारें दरक जाती थीं। ऐसे हालात में बच्चों की देखभाल और घर चलाना बहुत मुश्किल था। गाँव की दूरस्थ स्थिति के कारण निर्माण सामग्री पहुँचाना भी एक बड़ी चुनौती थी।

योजना बनी जीवन की रोशनी

वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत शुरू की गई “नियद नेल्ला नार योजना” (स्थानीय गोंडी भाषा में जिसका अर्थ है “आपका अच्छा घर”) ने उनके जीवन में नई उम्मीद जगाई। योजना के तहत उन्हें पक्का घर बनाने की स्वीकृति मिली। पंचायत प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और ग्रामीणों के सहयोग से तमाम कठिनाईयों के बावजूद उनका घर बनकर तैयार हुआ।

गृहप्रवेश का खुशी भरा दिन

1 नवम्बर 2025 का दिन श्रीमती बद्री के जीवन का सबसे यादगार दिन बन गया। जब उन्होंने अपने नए पक्के घर में गृहप्रवेश किया, तो उनकी आँखों में खुशी के आँसू थे। अब उनका परिवार सुरक्षित और सम्मानजनक घर में रह रहा है।

“नियद नेल्ला नार योजना” बन रही मिसाल

यह योजना केवल घर बनाने की पहल नहीं, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण और जीवन स्तर सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस योजना ने यह साबित किया है कि अब विकास की किरण जंगलों और दुर्गम इलाकों तक पहुँच रही है। प्रशासन की भूमिका रही सराहनीय रही सुकमा कलेक्टर  ने बताया कि “नियद नेल्ला नार योजना” के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का क्रियान्वयन सुकमा के दूरस्थ इलाकों में भी सफलतापूर्वक किया जा रहा है। लगातार पात्र हितग्राहियों को पक्के घर स्वीकृत किए जा रहे हैं, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो रहा है।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कहा कि मेहता जैसे अंदरूनी गांव में योजना का सफल क्रियान्वयन केवल निर्माण कार्य नहीं, बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन की मिसाल है। श्रीमती बद्री का घर यह प्रमाण है कि जब प्रशासन, पंचायत और जनता मिलकर काम करते हैं, तब असंभव भी संभव हो जाता है।

सपनों का घर बना प्रेरणा का प्रतीक

आज सुन्नम बद्री का यह घर सिर्फ ईंट और गारे का ढांचा नहीं, बल्कि उनके सपनों, संघर्ष और उम्मीदों की मजबूत नींव पर खड़ा एक प्रतीक है जो यह संदेश देता है कि सरकारी योजनाएँ जब सही नीयत और सहभागिता से लागू होती हैं, तो लोगों का जीवन सच में बदल जाता है।

About The Author