कोलकाता, 27 नवंबर। Red Light Area Sonagachi : एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया सोनागाछी में इन दिनों गहरी चिंता और बैचेनी का माहौल है। चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया ने यहां की सेक्स वर्करों की परेशानी बढ़ा दी है। पहचान पत्र और दस्तावेज़ों की जांच के दौरान अधिकांश महिलाओं के पास 2002 की वोटर लिस्ट से जुड़ी फैमिली डिटेल्स उपलब्ध नहीं हैं, जो इस प्रक्रिया की सबसे अहम शर्त है।
दस्तावेज़ों की खोज में बेचैनी
करीब 10,000 से अधिक सेक्स वर्करों वाले सोनागाछी में कई महिलाएं ऐसे हालात में यहां पहुंचीं जहां उन्हें अपने परिवार, पिता, घर-गांव की जानकारी तक याद नहीं। कई महिलाएं ट्रैफिकिंग के जरिए लाई गई थीं, कुछ घर से भागकर आई थीं, इस वजह से उनके पास न तो पुरानी वोटर लिस्ट के रिकॉर्ड हैं, न परिवार से संपर्क करने का कोई आधार।
2002 की वोटर लिस्ट को इस SIR का बेसलाइन बनाया गया है। ऐसे में चुनाव आयोग को साबित करना है कि आवेदक या उसके माता-पिता/रिश्तेदार का नाम 2002 के रिकॉर्ड में मौजूद था। लेकिन सोनागाछी की अधिकांश महिलाओं के लिए यह लगभग नामुमकिन है।
सेक्स वर्करों की पीड़ा
दरबार महिला समन्वय समिति की सचिव विशाखा लस्कर ने बताया, 2002 से पहले हमारे पास कोई वोटर ID नहीं थी। हमने वोट डालना 2002 के बाद शुरू किया, ऐसे में 2002 की वोटर लिस्ट में हमारा नाम कैसे होगा? उन्होंने कहा कि सेक्स वर्करों के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड जैसे आधुनिक दस्तावेज़ मौजूद हैं, इसलिए सरकार को इन्हीं के आधार पर उनके नाम SIR में जोड़ने चाहिए।
चुनाव आयोग संवेदनशील लगेगा विशेष कैंप
चुनाव आयोग ने सेक्स वर्कर्स की समस्याओं को लेकर संवेदनशील रवैया अपनाया है और सोनागाछी में एक स्पेशल कैंप लगाने का फैसला किया है। चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कई महिलाएं 2002 के रिकॉर्ड का कोई लिंक नहीं खोज पा रही हैं। कुछ की पारिवारिक पहचान छूट चुकी है। कई महिलाएं अपने माता-पिता से संपर्क करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहीं।
अधिकारी ने बताया कि 9 दिसंबर को ड्राफ्ट रोल जारी होने के बाद स्पेशल हियरिंग कैंप सोनागाछी में लगेंगे, ताकि हर मामले की सुनवाई वहीं मौके पर हो सके और किसी का नाम अनुचित रूप से न कटे।
कई संगठनों ने जताई चिंता
सोसाइटी फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट एंड सोशल एक्शन, उषा मल्टीपर्पस कोऑपरेटिव सोसाइटी और अमरा पदातिक सहित कई संगठनों ने चिंता जताई है। उन्होंने सेक्स वर्कर्स को चेताया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है, क्योंकि उनके पास 2002 से कोई जानकारी नहीं है। इसीलिए स्पेशल कैंप की रिक्वेस्ट की गई थी।
SIR की टाइमलाइन
- 9 दिसंबर 2025– ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी
- 9 दिसंबर– 31 जनवरी दावों और आपत्तियों की सुनवाई और वेरिफिकेशन
- 8 जनवरी 2026 तक– आपत्तियां दर्ज कराने की अंतिम तिथि
- 7 फरवरी 2026– अंतिम वोटर लिस्ट जारी
पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष विधानसभा (Sonagachi Red Light Area) चुनाव होने हैं, ऐसे में प्रशासन चाहता है कि किसी भी पात्र मतदाता को मतदान के अधिकार से वंचित न किया जाए। सोनागाछी की सेक्स वर्करों के लिए यह चुनावी प्रक्रिया पहचान के संकट में बदल गई है।
जहां एक ओर चुनाव आयोग दस्तावेज़ों की पारदर्शिता चाहता है, वहीं इन महिलाओं की जिंदगी की परिस्थितियां 2002 के रिकॉर्ड तक पहुंचने को लगभग असंभव बना देती हैं। हालांकि, विशेष कैंप से उम्मीद है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और उन्हें लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित नहीं होना पड़ेगा।

