गांधी जयंती पर पंचायत तथा नगरीय निकाय के पदाधिकारियों के नाम मुख्यमंत्री की पाती

प्रिय साथियों,
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन के पावन अवसर पर आप सबको बधाई और शुभकामनाएं। बापू का जीवन-संघर्ष और उपलब्धियां, देश और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण थीं, इसलिए बापू का जन्मदिन समूची मानवता के लिए महान पर्व है। दुनिया को किसी भी तरह के उपनिवेशवाद से, साम्राज्यवाद से, सम्प्रदायवाद से, हिंसा, अन्याय, दमन और शोषण से बाहर निकालना है तो बापू के रास्ते पर चलना होगा। राज्य और प्रकृति के संसाधनों की हिफाजत और उपयोग एक ट्रस्टी की तरह करना होगा। अन्याय के खिलाफ सत्याग्रह करना होगा। आज जब हम भौतिक विकास के अंधेरे पहलुओं को रौशन करने की सोचते हैं, तो एक मात्र रास्ता नजर आता है गांधीवाद का रास्ता। हमारी सरकार ने बापू के राम राज्य की अवधारणा को जीवन्त किया है। नरवा-गरवा-घुरवा-बारी, सुराजी गांव, गौठान, खेत-खलिहान, जल-जंगल-जमीन और वनोपज का सम्मान, आदिवासियों और कमजोर तबकों का मान जैसे शब्द हमारे शासन-प्रशासन के लिए बीज-मंत्र बन गए हैं। समुदाय के हाथों में असली शक्ति
देकर हम ग्राम स्वराज का सपना साकार कर रहे हैं, जिसका ताजा उदाहरण है सामुदायिक वन अधिकार पट्टे देने का राष्ट्रीय कीर्तिमान मैं चाहूंगा कि आप सब बापू की नजर से देखें कि आपके द्वारा किया गया हर कार्य किस प्रकार समाज के सबसे कमजोर व्यक्ति के लिए हितकारी होगा एक ऐसा छत्तीसगढ़ बनाना है जिसमें अंतिम पंक्ति का अंतिम व्यक्ति भी न्याय से वंचित नहीं होगा। हमने अपनी योजनाओं के जरिए न्याय को सही मायने में छत्तीसगढ़ की ताकत बनाने की कोशिश की है। सत्ता संभालते ही एक उद्योग के लिए अधिग्रहीत बस्तर के आदिवासियों की जमीन लौटाने, किसानों के कर्ज माफ करने जैसे कार्यों से अपना इरादा जाहिर कर दिया था कि छत्तीसगढ़ बापू
की बताई राह पर चलेगा। गोधन न्याय योजना के जरिए गोबर की खरीदी भी एक विनम्र प्रयास ही है ताकि इस संकटपूर्ण समय में सबसे वंचित भी गरिमापूर्ण जीवन जी सके। बापू ऐसा ही तो समाज चाहते थे। हमें हर तबके की जरूरतों का ख्याल है, हमारे पास नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने की एक स्पष्ट दृष्टि है
जिसका नाम है-महात्मा गांधी लेकिन साथियों हमारे लोकतंत्र ने आपके कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी दी है- गांधी के सपनों का नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने की कोशिशों को अपने गांव, मोहल्ले और गलियों तक ले जाने की। आपकी जिम्मेदारी है कि ऐसी तमाम योजनाओं पर निगरानी रखें और इसका लाभ जन-जन तक पहुंचाने में भागीदार बनें।
आइये, हम सब मिलकर बापू के सपनों का छत्तीसगढ़ गढ़ने का जतन करें।
जय हिंद, जय छत्तीसगढ़
Buleude
(भूपेश बघेल)