SIR Monitoring: Congress will monitor the SIR process in Chhattisgarh! They made these demands to the Commission regarding transparency and fairness...see here.SIR Monitoring

रायपुर, 10 नवंबर। SIR Monitoring : छत्तीसगढ़ में शुरू हुई विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की मांग की है। इस विषय पर आज राजीव भवन रायपुर में कांग्रेस की एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जिसमें SIR निगरानी समिति के संयोजक मोहन मरकाम, सह संयोजक धनेन्द्र साहू और एआईसीसी सचिव देवेन्द्र यादव ने मीडिया को संबोधित किया।

मरकाम बोले- SIR आयोग का काम है, न कि किसी दल का एजेंडा

पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी चाहती है कि SIR प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष हो तथा इसमें किसी राजनीतिक प्रभाव की गुंजाइश न रहे। उन्होंने कहा कि, SIR का काम विशुद्ध रूप से निर्वाचन आयोग का दिखना चाहिए, न कि सरकार या किसी दल विशेष का एजेंडा। बीएलओ को हर घर जाकर दस्तावेज़ का भौतिक सत्यापन करना चाहिए और मतदाता से प्राप्ति रसीद लेना आवश्यक हो ताकि कागजी सर्वे की संभावना समाप्त हो।

मरकाम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आयोग से मांग की है कि मतदाता सूची का इलेक्ट्रॉनिक डेटा सभी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराया जाए और किसी भी संशोधन से पहले सभी दलों के बीएलए (BLA) से चर्चा की जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि, किसी मतदाता का नाम सूची से काटा जाए तो यह साबित करने की ज़िम्मेदारी आयोग की होनी चाहिए, न कि मतदाता की। SIR का उद्देश्य मतदाताओं की संख्या घटाना नहीं, बल्कि अधिक से अधिक पात्र मतदाताओं को जोड़ना होना चाहिए। मरकाम ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, SIR चुनाव आयोग की प्रक्रिया है, तो इसका जवाब देने की तैयारी भाजपा किस हैसियत से कर रही है? क्या भाजपा आयोग की प्रवक्ता है? आयोग को भाजपा से जवाब मांगना चाहिए कि उसे ऐसा अधिकार किसने दिया।

धनेन्द्र साहू ने की समय सीमा बढ़ाने की मांग

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने कहा कि मतदाता सूची में दस्तावेज़ जमा करने और सत्यापन के लिए दी गई एक माह की अवधि अपर्याप्त है। उन्होंने कहा कि, वर्तमान में धान कटाई का समय चल रहा है, किसानों को सोसायटियों में धान विक्रय कार्य में समय देना पड़ता है। ऐसे में एक महीने की अवधि व्यवहारिक नहीं है। आयोग को यह अवधि बढ़ाकर कम से कम तीन माह करनी चाहिए ताकि कोई मतदाता वंचित न रह जाए।

देवेन्द्र यादव का आरोप

एआईसीसी सचिव देवेन्द्र यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा SIR प्रक्रिया का दुरुपयोग कर मतदाता सूची में गड़बड़ी करने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि, देशभर में ऐसी ही स्थितियां देखी जा रही हैं। बिहार में भी यही हुआ था। कांग्रेस छत्तीसगढ़ में पूरी सतर्कता से SIR की निगरानी करेगी ताकि किसी मतदाता का नाम गलत तरीके से न काटा जा सके।

कांग्रेस की प्रमुख मांगें

  1. SIR प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और आयोग के नियंत्रण में हो।
  2. BLO घर-घर जाकर भौतिक सत्यापन करें और मतदाता से हस्ताक्षरित पुष्टि पत्र लें।
  3. मतदाता सूची का इलेक्ट्रॉनिक डेटा सभी दलों को उपलब्ध कराया जाए।
  4. किसी मतदाता का नाम हटाने से पूर्व सभी दलों के BLA से चर्चा की जाए।
  5. दस्तावेज़ जमा करने की अवधि 1 माह से बढ़ाकर 3 माह की जाए।
  6. भाजपा द्वारा प्रक्रिया पर प्रभाव डालने के प्रयासों की जांच की जाए।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि SIR प्रक्रिया का उद्देश्य केवल फर्जी मतदाताओं को हटाना नहीं, बल्कि प्रत्येक पात्र नागरिक को मताधिकार का अवसर दिलाना होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी पूरे प्रदेश में SIR प्रक्रिया की सक्रिय निगरानी करेगी ताकि लोकतंत्र और मतदाता अधिकारों की रक्षा की जा सके।

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