राष्ट्रीय

Monsoon Rains: मानसून की बारिश से मिल रही निराशा, अगस्त में 26 फीसद कम हुई वर्षा

नई दिल्ली, 30 अगस्त। कोरोना महामारी के बीच  मानसून में हो रही बारिश से भी निराशा मिल रही है। भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department, IMD) की ओर से जारी पूर्वानुमान में इस साल सामान्य मानसून की उम्मीद जताई गई थी लेकिन अब इस साल सामान्य से कम बारिश की आशंका जताई गई है। दरअसल दक्षिण-पश्चिम मानसून के 1 जून से 30 सितंबर तक चार महीने के मौसम में लगातार दो महीनों में बारिश में कमी रिकार्ड की गई है।

अब तक का हाल

अगस्त (August) माह में 28 अगस्त तक रिकार्ड किए गए डाटा के अनुसार मौसम विभाग ने बताया कि बारिश तो हुई लेकिन 26 फीसद कम। IMD के महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्रा ने बताया कि उत्तर व मध्य भारत में हुई बारिश में कमी रिकार्ड की गई है। वहीं जून में 10 फीसद अधिक बारिश हुई थी। उन्होंने बताया कि जल्द ही IMD सितंबर का पूर्वानुमान जारी करेगा।

मध्य भारत संभाग में 14 फीसद कम बारिश हुई है। इस क्षेत्र के अंतर्गत गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र हैं। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के राज्यों सहित पूर्वी और पूर्वोत्तर संभाग में वर्षा में आठ फीसद की कमी दर्ज की गई है, वहीं दक्षिण संभाग में सामान्य से पांच फीसद अधिक बारिश दर्ज हुई है।

IMD की रिपोर्ट

न्यूज एजेंसी प्रेट्र के अनुसार अगस्त में हुई 26 फीसद कम वर्षा ने देश में मानसून के आंकड़े को खराब कर दिया अब लगातार दो महीने में कम बारिश से इस साल मानसून की बारिश के औसत से कम रहने की आशंका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा आंकड़ा जारी किया गया है। इसमें जुलाई माह की बारिश में सामान्य से सात फीसद की कमी बताई गई है। मौसम विभाग ने आंकड़ा जारी कर बताया है कि 1 जून से 28 अगस्त के बीच देश में 10 फीसद कम बारिश हुई। बता दें कि विभाग ने पूर्वानुमान में अगस्त के लिए सामान्य बारिश का अनुमान जताया था जो औसत का 94 से 106 फीसद होता है लेकिन यह पूरी तरह गलत प्रमाणित हो रहा है। अगस्त के शुरू में मौसम विभाग ने बताया था कि 2021 के दक्षिण-पश्चिम मानसून के अंतिम हिस्से (अगस्त से सितंबर) के दौरान पूरे देश में बारिश सामान्य रहने की संभावना है।

खेती पर मानसून में हुई बारिश का असर

बीते शुक्रवार को कृषि मंत्रालय ने आंकड़े जारी किए। इसके अनुसार कम बारिश के कारण कुछ राज्यों में 2021-22 के खरीफ मौसम में धान की खेती का रकबा 1.23 फीसद घटकर 388.56 लाख हेक्टेयर रह गया है। मौसम विभाग ने बताया कि देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में सामान्य से 13 फीसद कम वर्षा दर्ज की गई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button