छत्तीसगढ

हिन्दी दिवस: ‘हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा’ कार्यक्रम में शामिल हुए संस्कृति मंत्री

रायपुर, 14 सितम्बर। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत आज हिंदी दिवस के अवसर पर महंत घासीदास संग्रहालय स्थित सभाकक्ष में आयोजित ‘‘हिंदी हैं हम, वतन है हिंदोस्तां हमारा’’ कार्यक्रम में शामिल हुए।

श्री भगत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमें गर्व है की हम हिंदुस्तान में जन्म लिये हैं और हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है। भाषा, विचार और अभिव्यक्ति का माध्यम है। भाषा को अधिकतर लोग बोलते हैं। राष्ट्रभाषा हिन्दी विभिन्न संस्कृति, सम्प्रदाय को एकसूत्र में पिरोये हुए हैं। उन्होंने हिन्दी की सेवा में समर्पित लोगों को नमन किया। राष्ट्रभाषा हिन्दी के सम्मान के लिए आयोजित कार्यक्रम के लिए बधाई दी।

संस्कृति मंत्री श्री भगत ने कहा कि हम सबको अपने राष्ट्रभाषा का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की बोली, भाखा, संस्कृति और परम्परा को सहेजने का भी काम किया जा रहा है।

राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ फिल्म नीति तैयार की है। निश्चित ही इससे छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति और कलाकारों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम होंगे, जिससे यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा।

संस्कृति मंत्री श्री भगत ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ फिल्म नीति तैयार किया गया है। इसके अलावा नवा रायपुर में फिल्म सिटी का निर्माण भी किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के कलाकारों, निर्माता-निर्देशकों और लेखकों को बेहतर अवसर मिलेगा।

श्री भगत ने बताया कि छत्तीसगढ़ के फिल्म नीति में राष्ट्रीय अवार्ड हासिल करने वाले फिल्मों के लिए एक करोड़ रूपए अनुदान का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही ऑस्कर अवार्ड जीतने वाले फिल्मों को पांच करोड़ रूपए देने का प्रावधान फिल्म नीति में किया गया है। उन्होंने कार्यक्रम में प्रदेश के निर्माता-निर्देशकों को राज्य की बोली, भाखा पर आधारित फिल्म बनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

कार्यक्रम को संसदीय सचिव विकास उपाध्याय और चन्द्रपुर विधायक रामकुमार यादव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संचालक विवेक आचार्य, निर्माता-निर्देशक एवं कलाकार दिलीप षंडगी, योगेश अग्रवाल उपस्थित थे। प्रशांत ठाकुर एवं उनके सहयोगियों द्वारा हिन्दी दिवस पर सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई।

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