5 चिन्हांकित अस्पतालों में होगा डेंगू का इलाज, तैयार होंगे आइसोलेटेड वार्ड, कलेक्टर अंकित आनंद ने डेंगू के संक्रमण की रोकथाम को लेकर बुलाई अहम बैठक
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दुर्ग। आगामी समय में डेंगू के पनपने की आशंका को लेकर जिला प्रशासन सतर्क है। आज इसकी रोकथाम की रणनीति पर विचार करने और इसे क्रियान्वित करने अहम बैठक कलेक्ट्रेट में आयोजित की गई। बैठक उपरांत कलेक्टर अंकित आनंद ने जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए तीन महत्वपूर्ण कार्य करने होंगे। पहला जहां साफ पानी जमा हो और लार्वा पल रहें हों, वहां एन्टी लार्वा आपरेशन चलाना। घरों के कोने कोने में छिपे मच्छरों को नष्ट करने स्प्रे का काम करना। सबसे आखिर में डाइग्नोसिस जितनी जल्दी हो उतना अच्छा। कलेक्टर ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण कार्य होगा। जितनी अच्छी रणनीति और प्रभावी क्रियान्वयन होगा, उतना ही अच्छा नतीजा आएगा।
कलेक्टर ने कहा कि जिले में केवल 5 चिन्हांकित अस्पतालों में डेंगू का इलाज होगा। इनमें जिला अस्पताल, सेक्टर 9 हॉस्पिटल, स्पर्श हॉस्पिटल, शंकराचार्य हॉस्पिटल, बीएम शाह अस्पताल में इलाज होगा। इन सभी चिन्हांकित अस्पतालों में डेंगू के इलाज के लिए आइसोलेटेड वार्ड होंगे। आज बैठक में सभी अस्पतालों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि स्प्रे का समय सुबह 5 से 7 बजे तक रखें क्योंकि ये मच्छरों को नष्ट करने का सबसे प्रभावी समय होता है। इसी प्रकार शाम को सूरज ढलने के बाद यह करें। कलेक्टर ने स्वास्थ्य अमले और निगम अमले दोनों को मिलकर यह कार्य करने कहा। उन्होंने कहा कि चूंकि डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है अतः ऐसे सभी जगहों में विशेषकर सार्वजनिक जगहों में भी एन्टी लार्वा आपरेशन चलाएं। उन्होंने कहा कि टेमीफास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि टेमीफास का प्रभावी वितरण सुनिश्चित करें। इसकी रेफिलिंग की भी कार्रवाई निश्चित अवधि में कराएं। कलेक्टर ने कहा कि घरों के कोने-कोने में, अंधेरी जगहों पर स्प्रे का कार्य हो। किसी भी तरह की चूक की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी डेली मॉनिटरिंग की जाएगी। साथ ही जिला अस्पताल में एक्सक्लूसिव वार्ड के लिए नोडल अधिकारी भी होंगे।
कलेक्टर ने कहा कि जनभागीदारी और जागरूकता के माध्यम से इसे रोकने का कार्य आसान होगा। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गंभीर सिंह ने अब तक किये गए कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। डीएमओ डॉ. एस. के. मंडल ने इससे जुड़े हुए तकनीकी पक्षों को रखा। साथ ही अब तक डेंगू से निपटने के अनुभवों को भी साझा किया। इस दौरान भिलाई नगर निगम कमिश्नर ऋतुराज रघुवंशी, अपर कलेक्टर गजेंद्र ठाकुर एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।