लॉकडाउनः फोन से कुपोषित बच्चों को दे रहे परामर्श, पुनः मिलेगा एनआरसी सेंटर से इलाज

– लॉकडाउन के पूर्व 9 बच्चों का चल रहा था इलाज
रायपुर। कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी संक्रमण के दौरान संपूर्ण देश में लॉकडाउन है। ऐसे समय में अतिकुपोषित बच्चों का इलाज करना कठिन है। मगर मुश्किल की इस घड़ी में कालीबाड़ी एनआरसी सेंटर के विशेषज्ञों द्वारा फोन के माध्यम से कुपोषित बच्चों को आवश्यक चिकित्सकीय परामर्श प्रदान किया जा रहा है। साथ ही वजन की जांच के लिए भी तरकीब बताए जा रहे हैं। लॉकडाउन में ढील होते ही कुपोषित और एनीमिक बच्चों के लिए बहुत जल्द ही एनआरसी सेंटर को पुनः शुरू किया जाएगा।
हालांकि महामारी संक्रमणकाल के पूर्व पोषण पुनर्वास केन्द्र ( एनआरसी सेंटर) में 9 बच्चों का इलाज जारी था। हालांकि लॉकडाउन की वजह से उन बच्चों को घर भेज दिया गया है परंतु सेंटर के विशेषज्ञ फोन पर ही उन बच्चों को चिकित्सकीय सलाह दे रहे हैं। एनआरसी सेंटर इंचार्ज व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. निलय मोझरकर का कहना है कि शहरी क्षेत्र के बच्चे सेंटर में ज्यादा आते हैं। वर्तमान में हम इलाजरत बच्चों ( लॉकडाउन के पूर्व जो सेंटर में भर्ती थे) का फालोअप फोन के जरिए कर रहे हैं। वहीं अभिभावकों को जरूरी टिप्स दे रहे हैं। हालांकि अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक 162 अतिकुपोषित और रक्तअल्पता वाले बच्चों का इलाज सेंटर में हुआ है।
इनकी दे रहे सलाह- डॉ. निलय मोझरकर के मुताबिक सेंटर के जरिए कई ऐेसे बच्चे जिनका हीमोग्लोबिन सामान्य स्तर से काफी कम था, उन्हें भर्ती कर दवाईयों और देखभाल से स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया है। वायरस संक्रमणकाल के दौरान बच्चों के अभिभावकों से फोन के माध्यम से बच्चों के संबंध में जानकारी ले रहे हैं। इस दौरान अभिभावकों को बच्चों की देखभाल कर पौष्टिक आहार देने, साफ-सफाई रखने, हैंड वॉश समय-समय पर करने, खाने में प्रोटीन और आयरन युक्त भोज्य पदार्थों दाल, दूध, अंडा, पनीर, दलिया, मूंग दाल की खिचड़ी, पका हुआ केला, गुड़ खिलाने और घर के रखे सामानों से ही पौष्टिक आहार बनाकर बच्चों को दिए जाने आदि की सलाह दी जा रही है। इसके अलावा अभिभावकों को आयरन, फोलिक एसिड खुराक, कृमि नाशक दवाएं बच्चों को देने की सलाह दी जा रही है।
एनसीपी कार्ड का ले रहे सहारा- डॉ, निलय का कहना है अतिकुपोषित बच्चे या एनीमिया वाले बच्चों के वजन पर बराबर निगरानी रखी जाती है। आजकल क्यूंकि लॉकडाउन की वजह से आंगनबाड़ी केन्द्र बंद हैं और अस्पताल का एनआरसी सेंटर भी एक माह से लगभग बंद है। ऐसे में अभिभावकों को एनसीपी कार्ड या जच्चा-बच्चा कार्ड के माध्यम से बच्चों के विकास की जानकारी रखने की सलाह दी जा रही है। यानि उम्रवार कार्ड में बच्चों के विकास की जानकारी होती है इसलिए उस कार्डे के निर्देशों के अनुसार बच्चों की गतिविधियों का आंकलन करने को कहा जा रहा है। हालांकि विशेषज्ञों ने जल्द ही पुनः एनआरसी सेंटर खुल जाने की उम्मीद जताई है। ताकि बच्चों का फिर से पूर्ण इलाज किया जा सकेगा। (प्रतितात्मक फोटो)